दुखती नस पर हाथ रखना कोई ओम प्रकाश राजभर से सीखे !
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी छवि बेकार कर ये जता दिया है की वो विवादो में न आए ऐसा हो ही नहीं सकता। इनका गुस्सा चरम सीमा पे होता है स्वामी प्रसाद की कड़वी बोलती
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी छवि बेकार कर ये जता दिया है की वो विवादो में न आए ऐसा हो ही नहीं सकता। नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और सुभासभा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। राजभर ने मौर्य पर पलटवार करते हुए कहा कि जो जीता वो ही सिकंदर होता है। जब मैंने सपा के साथ गठबंधन किया तो मैं चुनाव जीता और सपा को भी जिताया, सब जानते हैं कि सपा हमारे वोट से जीती। लेकिन मौर्य सपा में बड़े घमंड के साथ गए थे कि हम जिधर जाते हैं उधर सरकार बनाते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ओम प्रकाश का छत्तीस का आंकड़ा
यही अहंकार था उनका लेकिन वो चुनाव भी हार गए और मुकदमा भी लिख गया। मंत्री बनके, तब तो राम-राम जपना पराया माल अपना कर रहे थे। जब हम सपा के साथ नहीं थे तो सपा के पास 47 सीटें थीं और जब हम साथ खड़े हुए तो आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर में बीजेपी का खाता नहीं खुला। सपा मुखिया के सामने आरएलडी विधायकों ने कहा कि राजभर की वजह से हम भी जीत गए। राजभर ने मौर्य पर हमला बोलते हुए कहा कि चार बार बहुजन समाज पार्टी की सत्ता में थे, तब कुछ नहीं दिखा, 5 साल बीजेपी के साथ मंत्री थे तब कुछ नहीं दिखा।
अहंकार की वजह से हारे थे चुनाव
जब सत्ता से बाहर होते हैं तो सत्ता के लिए तड़पते हैं जैसे मछली को पानी से निकाल दीजिए तो वो बहुत छटपटाती है। वैसे जिसको सत्ता लेना है वह जनता के बीच में रहेगा, उसको ही सत्ता मिलेगी, चाहे सपा हो चाहे हम हो या बीजेपी । वहीं कांग्रेस की बैठक पर राजभर ने कहा कि अच्छी बात है कर्नाटक के बाद कांग्रेस में जोश में आया है।कांग्रेस के पतन की वजह से वो सत्ता से बाहर हुई। जनता के बीच में मुकाबला करना है तो बड़ा गठबंधन बनाना पड़ेगा तीसरा मोर्चा नहीं बल्कि दूसरा मोर्चा बनाना पड़ेगा।
राजभर ने विपक्षियों पर कसे तंज
राजभर ने कहा, “मैं बार-बार कहता हूं कि मायावती, अखिलेश, नीतिश और सोनिया जी एक मंच पर आएं जिस दिन एक मंच पर आने के लिए तैयार हो उस दिन फोन करें, 2 घंटा पहले हम भी हाजिर हो जाएंगे। ममता जी, तेजस्वी यूपी में वोट नहीं दिला पाएंगे। सपा की समीक्षा बैठक पर कहा कि वो क्या बैठक करेंगे हम बता देते हैं कि हार क्यों मिली। 6 दिन पहले उनका बयान आया कि हम बूथ स्तर तक कमेटी बनाएंगे निकाय चुनाव के लिए और 6 दिन बाद चुनाव की घोषणा हो गई, तो बूथ कमेटी कहां बनी काम खत्म जब काम करने का समय है तब आप वह काम नहीं कर रहे हैं और जब काम खत्म हो जा रहे हैं समीक्षा से क्या मिलेगा यही तो मिलेगा कि हमने बूथ कमेटी नहीं बनाई जब सरकार में थे इन्होंने किसी को नहीं पहचाना, अब क्या समीक्षा करेंगे।
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