#COVID 19: कोरोना से बढ़ रही मुश्किलें बुजुर्गों को हो रही ब्रेन स्ट्रोक की समस्या !
कोरोना से बढ़ती मुश्किलों को देखते हुये आपको कई गंभीर बिमारिओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फेफड़ों पर ही नहीं, बल्कि दिमाग और आंखें पर भी इसका असर देखने को मिला है।
कोरोना से बढ़ती मुश्किलों को देखते हुये आपको कई गंभीर बीमारीयों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फेफड़ों (Lungs) पर ही नहीं, बल्कि दिमाग और आंखें पर भी इसका असर देखने को मिला है। बता दें कि कोरोना की पहली लहर में ही देखा गया था, कि कोरोना के चलते ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आये थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में ये मामले काफी बढ़ चुके थे। जानकारी के मुताबिक शुरूआत में ही किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है, लेकिन अब इन परेशानियों पर डॉक्टर्स की नजरें हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कुमार (Dr. Mukesh kumar, Neurologist, Max Hospital) का कहना है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) का असर में नसों में खून के थक्के जमने शुरू हो जाते हैं और जिसकी सबसे बड़ी वजह है रक्त का प्रवाह है और इस कारणवश ब्रेन स्ट्रोक (Covid and brain stroke) की समस्या बढ़ जाती है।
कोरोना वायरस से हो रहे ब्रेन स्ट्रोक
रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें ब्लड क्लॉटिंग (Blood Clotting) से लेकर हाइपर इम्युन सिस्टम (Hyper Immune System) भी शामिल है। ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि कोविड की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हजार में से एक फीसदी को होती है। फिलहाल कोविड और ब्रेन स्ट्रोक एक दूसरे से जुड़े हुये हैं। जानकारी के अनुसार देश में अभी तक कोरोना वायरस (Corona Virus) का कहर खत्म नहीं हुआ है कि अभी भी कई देशों में इस वायरस से जुड़े हुए मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसे में इस बीच एजिंग रिसर्च रिव्यूज जर्नल में एक रिसर्च पब्लिश की गई है, जिसमें पता चला है कि कोविड की वजह से कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हुई हैं। स्टडी (Study) के मुताबिक, COVID-19 ब्रेन स्ट्रोक और दिमाग में ब्लीडिंग (Brain Stroke and Bleeding in the Brain) की वजह बन रहा है। जिससे बुजुर्ग लोगों में ऐसे मामले सबसे ज्यादा देखेने को मिल रहें हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का प्रभाव लोगों पर काफी लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में कोरोना मरीजों के ब्रेन इंमेजिंग में पता चला है कि मरीजों के दिमाग में माइक्रोब्लीड के घाव मिले हैं। माइक्रोब्लीड्स न्यूरोपैथोलॉजिकल (Microbleeds Neuropathological) बीमारीयों का संकेत है, जो अक्सर पुराने तनाव, अवसादग्रस्तता विकारों और डायबिटीज से लोगों में होते हैं।
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