आध्यात्मिक शोध : मजबूत व्यक्ति अधिक क्रोधित होने का दिखावा करता है !
स्टैनफोर्ड के मनोविज्ञान और व्यवहार विज्ञान विभाग में प्रोफेसर एमेरिटस हैंस स्टीनर के अनुसार, महामारी ने क्रोध को बढ़ाने में योगदान दिया है
हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि दुनिया के 90 प्रतिशत हिंसक हमले गुस्से ( Angry ) के कारण होते हैं। कुछ शोधकर्ताओं ने क्रोध को ‘कंबल-भावना’ करार दिया है। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि क्रोध एक कंबल जैसा माध्यम है जिसके नीचे कुछ छिपा होता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन क्रोध को एक नकारात्मक भावना मानता है।
महामारी ने क्रोध को बढ़ाने में योगदान दिया
एक नकारात्मक भावना जो हमारे जीवन को पतन के कगार पर ले जाती है। गैलप ग्लोबल इमोशन्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज लोग किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में अधिक उदास, क्रोधित, चिंतित और तनावग्रस्त हैं। कई मनोवैज्ञानिक वर्षों से अध्ययन कर रहे हैं कि क्रोध शरीर में जहर के रूप में कैसे कार्य करता है। स्टैनफोर्ड के मनोविज्ञान और व्यवहार विज्ञान विभाग में प्रोफेसर एमेरिटस हैंस स्टीनर के अनुसार, महामारी ने क्रोध को बढ़ाने में योगदान दिया है।
मजबूत व्यक्ति अधिक क्रोधित होने का दिखावा करता है
ऐसा माना जाता था कि कमजोर व्यक्ति को गुस्सा आता है, लेकिन यह सच नहीं है। कमजोर व्यक्ति किसी भी तरह से शारीरिक या आर्थिक रूप से कमजोर हो सकता है। कड़वी सच्चाई यह है कि जब कोई व्यक्ति किसी भी तरह से मजबूत होता है, तो वह समान रूप से क्रोधित होता है। इसके बजाय, एक मजबूत व्यक्ति अधिक क्रोधित हो जाता है या अधिक क्रोधित होने का दिखावा करता है।
उसके अंदर क्रोध की प्रवृत्ति बढ़ जाती
मतलब ऐसा व्यक्ति जो शारीरिक या आर्थिक रूप से मजबूत हो। यानी अगर किसी व्यक्ति में शारीरिक या आर्थिक रूप से मजबूत होने का अहंकार है, तो उसके अंदर क्रोध की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।