‘इसरो बदलेगा अपना नाम?’Special Parliament में बड़ा सवाल !
संसद भवन में आखिरी बार सत्र आयोजित किया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। उनके बाद कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर चौधरी बोलने आये।

आज पुराने संसद भवन में आखिरी बार सत्र आयोजित किया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। उनके बाद कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर चौधरी बोलने आये। उन्होंने सरकार को संसदीय दर्जा दिलवा दिया। इसके बाद अधीर ने भारत और भारत नाम विवाद पर भी बात की।
हमें इस पुराने संसद भवन से बाहर निकलना होगा
कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, ‘आज हमें इस पुराने संसद भवन से बाहर निकलना होगा। यह हर किसी के लिए बेहद भावुक क्षण है। हम सभी यहां अपने पुराने संसद भवन को अलविदा कहने आए हैं। पंडित नेहरू ने कहा था कि संसदीय लोकतंत्र में भागीदारी के लिए कई गुणों की आवश्यकता होती है। योग्यता, काम के प्रति समर्पण और आत्म-अनुशासन की आवश्यकता है।’
संसद में बोलते समय, समय-सीमा का पालन करते थे: पंडित नेहरू
अधीर ने यह भी कहा, ‘पंडित नेहरू को संसद में भारी बहुमत हासिल था। फिर भी, उन्होंने बिना थके विपक्ष की आवाजें सुनीं। विपक्ष के सवालों का जवाब देते समय उन्होंने कभी मजाक नहीं किया या गुमराह नहीं किया। यहां तक कि उनके भाषण के दौरान स्पीकर की घंटी भी बजी। जब जवाहरलाल नेहरू का समय गुजरा तो घंटी बजी। संसद में बोलते समय वे समय-सीमा का पालन करते थे। वह संसद का अपमान नहीं करना चाहते थे। यह भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास में नेहरू का योगदान था।’
अधीर ने यह भी कहा, ‘इस संसद में चंद्रयान पर चर्चा चल रही थी। मैं कहना चाहूंगा कि परमाणु अनुसंधान समिति का गठन 1946 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में किया गया था। वहां से हम आगे बढ़े और 1964 में इसरो की स्थापना की। लेकिन आज हम इसरो को क्या कहते हैं? ये भारत है, आज भारत वाला मुद्दा कहां से आ गया?’
हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईट के लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं। आप हमें Facebook, Twitter, Instagram और Youtube पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।