दिल्ली में क्यों नहीं रुक रहे एसिड अटैक के मामले, बैन के बाबजूद 3 साल में आये इतने मामले !
उच्च सदन में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 से 2021 के बीच दिल्ली में एसिड अटैक के 32 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) के...
देश की राजधानी द्वारका में बुधवार सुबह घर से स्कूल जाने के लिए निकली 17 वर्षीय किशोरी पर बाइक सवार दो नकाबपोशों ने तेजाब फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। बच्ची का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। दिल्ली में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। केंद्र सरकार ने बताया कि दिल्ली में तीन साल में एसिड अटैक के 32 मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार ने बताया कि इस प्रकार के हमलों में महामारी के दौरान गिरावट देखी गई थी, लेकिन महामारी के बाद वे फिर से बढ़ गए।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) के मुताबिक
उच्च सदन में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 से 2021 के बीच दिल्ली में एसिड अटैक के 32 मामले दर्ज किए गए। ये आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) के हवाले से दिए गए हैं। 2018 में एसिड अटैक के 11 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 में ऐसे 10 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ऐसे मामले घटकर 2 रह गए। हालांकि, दिए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में एसिड अटैक के मामले बढ़कर 9 हो गया।
एसिड अटैक को लेकर लोगों में गुस्सा है और बैन के बाद भी बाजार में एसिड की मौजूदगी पर लोग सवाल भी उठा रहे हैं. 2015 में अपने एक आदेश में शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को तेजाब की खुदरा बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
बिना लाइसेंस के दिल्ली में तेजाब..
कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि तेजाब खुले बाजार में न बेचा जाए। बिना लाइसेंस के दिल्ली में भी तेजाब नहीं बेचा जा सकता। इतना ही नहीं इसके खरीदार को अपनी पहचान भी देनी होगी।
इसकी जांच के लिए 2016 में दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने एक टीम को मैदान में भेजा और यह पता लगाने की कोशिश की कि एसिड खरीदने के लिए बनाए गए ये नियम कारगर हैं या नहीं। महिला आयोग ने पाया कि 23 ऐसी दुकानें थीं जहां बिना पहचान पत्र और बिना पहचान लिए तेजाब बेचा जा रहा था।
महिला आयोग ने दिल्ली सरकार से इस पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था। इसकी जांच की जिम्मेदारी एसडीएम की होती है और वह नियम तोड़ने वालों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा सकता है।
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