ईवीएम विरोधियों के निशाने पर, क्या सच में वोटिंग मशीन हैक हो गई थी?
देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां चल रही हैं। बस कुछ ही घंटों में चुनाव की तारीख सामने आ जाएगी। जब चुनाव की घंटी बजती है।
देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां चल रही हैं। बस कुछ ही घंटों में चुनाव की तारीख सामने आ जाएगी। जब चुनाव की घंटी बजती है। देश में पिछले कुछ सालों से ईवीएम चर्चा में है। विपक्ष ने सरकार पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राहुल गांधी समेत कई विरोधियों का ये आरोप है। कई पार्टियों ने देश में फिर से बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की मांग की है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन क्या सच में ईवीएम को हैक किया जा सकता है?
ईवीएम में गड़बड़ी
राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। वह सरकार पर भी निशाना साधते नजर आ रहे हैं। उनके मुताबिक, ईवीएम के नतीजे बेहद निराशाजनक हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पद्धति से वोटिंग घोटाला हो रहा है।
ईवीएम का पूरा नाम क्या है?
भारत के चुनाव आयोग ने पहली बार साल 1982 में ईवीएम का इस्तेमाल किया था। अब बैलेट पेपर की जगह ईवीएम का इस्तेमाल होने लगा है। ईवीएम का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। यह प्रणाली चुनाव प्रक्रिया को अधिक गतिशील और पारदर्शी बनाने और मतदान केंद्रों पर फर्जी मतदान को रोकने के लिए शुरू की गई थी।
ईवीएम कैसे काम करती है?
ईवीएम वोटिंग मशीन मतदान के साथ-साथ वोट भी एकत्र करती है। जिस दिन वोटों की गिनती होती है। उस दिन चुनाव आयोग ईवीएम मशीनों में पड़े वोटों की गिनती करता है। जिस पार्टी के उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं। मतगणना प्रक्रिया के बाद उस उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
ईवीएम क्यों हैक की गईं?
इस मुद्दे पर विपक्ष कई बार सरकार को घेर चुका है। इसको लेकर लोगों में संशय है, चुनाव आयोग के मुताबिक, ईवीएम मशीनें कंप्यूटर नियंत्रित नहीं हैं। यह एक स्टैंडअलोन मशीन है। यह डिवाइस इंटरनेट या किसी अन्य नेटवर्क से कनेक्ट नहीं है। इसलिए यह कहना हास्यास्पद है कि यह डिवाइस हैक हो गया है।
इस मशीन को हैक नहीं किया जा सकता।जानकारी के लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि ईवीएम में डेटा के लिए फ्रीक्वेंसी रिसीवर या डिकोडर नहीं होता है। वाई-फाई या ब्लूटूथ जैसे किसी भी वायरलेस डिवाइस को हैक करना, उसके साथ छेड़छाड़ करना आसान नहीं है।
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