Uttarakhand Mass Hysteria: ये बीमारी है या भूत-प्रेत का साया !

Uttarakhand Mass Hysteria: बागेश्वर के स्कूल में छात्राएं क्यों हुई थीं बेहोश? वजह जान कर हैरान हो जाएंगे आप

हमारे आम जन जीवन में बहुत सी ऐसी घटनाएं होती हैं जो बेहद अजीब होती हैं कभी-कभी लोग उसे प्रकृति का हिस्सा मानते हैं तो कभी उसे भूत प्रेत का प्रकोप कह दिया जाता है. ऐसा ही दावा सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में किया जा रहा था जहाँ सरकारी स्कूल की कुछ छात्राएं अचानक बदहवास होकर रोने-चिल्लाने लगी इस वीडियो को देख कर लोगों ने कई दावे किये और बात भूत प्रेत के प्रकोप तक पहुँच गयी स्थानीय लोगों ने भी छात्रों पर भूत प्रेत का साया मान लिया लेकिन अब इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आयी है।

 पूरा मामला क्या है –

बताते चलें कि बागेश्वर जिले के रैखोली गांव में राजकीय जूनियर हाईस्कूल है. वहां पर कुल 55 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. छठी से आठवीं तक के इस स्कूल में 3 शिक्षकों की तैनाती है. इस स्कूल में 26 जुलाई को अचानक 8वीं कक्षा की छात्राएं रोने और चीखने (Mass Hysteria) लगीं. उस दिन संयोग से एक शिक्षक ही ड्यूटी पर मौजूद थीं.

बच्चियों के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण भी स्कूल में पहुंच गए. कई लोगों ने छात्राओं को इस तरह चिल्लाते देख उसे भूत-प्रेत की घटना बताया. वहीं कई उन्हें शांत करने की कोशिश करते देखे गए. उन्हीं ग्रामीणों में से एक ने वीडियो बना लिया, जो बाद में वायरल हो गया.

मास हिस्टीरिया

कुछ लोग इस घटना को मास हिस्टीरिया बता रहे थे. मास हिस्टीरिया को हिंदी में सामूहिक उन्माद कहते है ऐसी कंडीशन तब होती है जब एक बड़ा समूह एक समान मानसिक स्थिति प्रदर्शित करने लगता है. इसको अगर विज्ञान की भाषा में समझे तो दूसरों से प्रभावित होकर हमारा दिमाग अपने आप तरंगे छोड़ता है और फिर शरीर भी वैसा ही एक्शन शुरू कर देता है.

जैसे किसी शोक के माहौल में अगर कोई एक व्यक्ति रोना शुरू कर देता है तो उसे देखकर बाकी भी रोने लगते हैं इसी को मॉस हिस्टीरिया कहते है. वहीँ उत्तराखंड में ये पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं पड़ोसी जिलों अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली के सरकारी स्कूलों से सामने आ चुकी है।

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घटना के बाद स्कूल का दौरा करने वाले बागेश्वर जिले (Bageshwar) के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश पोखरिया कहते हैं कि जांच में बाकी छात्राएं तो ठीक मिली लेकिन 8वीं क्लास की एक छात्रा का व्यवहार कुछ अलग मिला.

उसे बाद में भी हिस्टीरिया के दौरे जैसे पड़ रहे थे. ऐसा लगता है कि वह छात्रा अपने साथियों के बीच लीडर की भूमिका में है. इसलिए उसे हिस्टीरिया के दौरे पड़ते देख बाकी छात्राएं भी वैसा ही महसूस करने लगीं.

फांसी लगी डेड बॉडी देखकर डरे बच्चे –

रैखोली जूनियर हाई स्कूल में बच्चों के चिल्लाने और रो-रो कर अजीब सी हरकतें करने को लेकर बागेश्वर के CMHO ने बताया, डॉक्टरों की टीम लगातार बच्चों की काउंसलिंग कर रही थी.

पता चला है कि बच्चे कुछ समय पहले स्कूल के नजदीक ही किसी की फांसी लगी डेड बॉडी देखकर डरे हुए थे और तभी से वह सहमे हुए हैं. उसी के ऐसी हरकते कर रहे हैं। गौरतलब है की फ़िलहाल सभी छात्र छात्रों की काउंसलिंग की जा रही है और उनकी हालत स्थिर है।

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