#UP POLITICS : बसपा से जवाब मिलने के बाद राजभर न ‘घर रहे न घाट के’ !

बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने सोमवार को कहा कि ऐसे "स्वार्थी" लोगों से सावधान रहने की जरुरत है।

सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर द्वारा सपा से नाता तोड़ने और बसपा के साथ संबंध बढ़ाने के प्रयासों लपर करारा झटका लगा है। बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने सोमवार को कहा कि ऐसे “स्वार्थी” लोगों से सावधान रहने की जरुरत है।

राजनीतिक दुकान भी चलाने की कोशिश

कल किए गए एक ट्वीट में आनंद ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘पूरी दुनिया बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन, प्रशासन, अनुशासन की प्रशंसा करती है। लेकिन कुछ अवसरवादी लोग बहन के नाम के सहारे अपनी राजनीतिक दुकान भी चलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। आनंद का यह बयान ऐसे समय आया है जब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर बसपा से हाथ मिलाने की इच्छा जता रहे हैं |

पिछला विधानसभा चुनाव SP के साथ मिलकर लड़ा

रविवार को जौनपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उनका निजी तौर पर मानना ​​है कि अब बसपा से हाथ मिलाना चाहिए | राजभर की पार्टी ने उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। जिसमे छह सीटों पर जीत हासिल की थी।

मतभेदों के कारण  सरकार छोड़ दी

राजभर ने 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। इसमें उनकी पार्टी भी सरकार में शामिल हुई थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने सरकार छोड़ दी।

सपा और बसपा का गठबंधन

गौरतलब होकि पूर्व में सपा ने पत्र जारी कर सुभाषपा से गठबंधन तोड़ा था। जिसके बाद ओपी राजभर ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर किसी और पार्टी से गठजोड़ करने की बात पर कहा और कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति है। सपा और बसपा का गठबंधन था। सुभासपा को जब बीजेपी की टीम कहा गया तो उन्होंने कहा कि भाई जो टीम जीतती है वही टीम होती है। हारने वाली टीम को बी टीम कहा जाता है।

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