‘ समय पर समय का दिया ध्यान और पाई सफलता ‘, पढ़िए इस IAS की कहानी !

फुल टाइम जॉब करने के साथ ही इस परीक्षा की तैयारी की और सफलता पाई, इसके लिए वीकेंड, हॉलिडे जैसे आराम करने वाले दिनों का मोह छोड़ना पड़ा

देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी ( संघ लोक सेवा आयोग ) को क्लियर करना आसान नहीं होता है। इसकी तैयारी करने के लिए आपको सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय प्रबंधन करना होता है।

आराम करने वाले दिनों का मोह छोड़ना पड़ा

जी हाँ टाइम मैनेजमेंट ही आपको इस परीक्षा में पास होने में आपकी मदद कर सकता है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही उम्मीदवार सफल होते हैं। यदि आप आईएएस अधिकारी बनने के उद्देश्य से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी यशनी नागराजन की सफलता की कहानी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। जिन्होंने फुल टाइम जॉब करने के साथ ही इस परीक्षा की तैयारी की और सफलता पाई।

सफलता की बुलंदियों पर ले गया

हालंकि उन्हें इसके लिए अपनी निजी जिंदगी में से वीकेंड, हॉलिडे जैसे आराम करने वाले दिनों का भी मोह छोड़ना पड़ा। उनका यही त्याग और बेहतर टाइम मैनेजमेंट उनको सफलता की बुलंदियों पर ले गया। आइए जानते उनके बारे में व उनसे बेहतर टाइम मैनेजमेंट के बारे में

समय प्रबंधन के साथ कड़ी मेहनत की जरूरत

आपको जानकर हैरानी होगी कि जब यशनी यूपीएससी की तैयारी कर रही थी तब वह फुल टाइम जॉब में थी। उन्होंने 2019 में अखिल भारतीय 57वीं रैंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को हासिल किया। हालाँकि वह अपने पहले तीन प्रयासों में असफल रही, लेकिन उसने अपने चौथे प्रयास में न केवल UPSC सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि टॉपर्स में भी स्थान हासिल किया। साथ ही इसका कारण बेहतर टाइम मैनेजमेंट भी था। नागराजन के मुताबिक यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं है। आपको बस अच्छे समय प्रबंधन के साथ कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

माँ उच्च न्यायालय से तो पिता इंजीनियर से सेवानिवृत्त

यशनी नागराजन ने अपनी स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, नाहरलागुन, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी से पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2014 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, यूपीआईए से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया। उनके पिता थंगावेल नागराजन एक सेवानिवृत्त पीडब्ल्यूडी इंजीनियर हैं और उनकी मां गुवाहाटी उच्च न्यायालय, ईटानगर की रजिस्ट्री शाखा से अधीक्षक के रूप में सेवानिवृत्त हुई हैं।

आप कड़ी मेहनत से अधिकारी बन सकते 

एक राय देते हुए वो कहती है कि “आप कड़ी मेहनत और अच्छे समय प्रबंधन के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय विदेश सेवा जैसी 26 अखिल भारतीय स्तर की सेवाओं के अधिकारी बन सकते हैं। ”

 

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