Supreme Court On Namami Gange: नमामि गंगे के डायरेक्टर हाजिर हो !

Supreme Court On Namami Gange: नमामि गंगे परियोजना में करोड़ो खर्च, गंगा जस की तस

मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ को लेकर इलाबाद हाई कोर्ट ने बेहद कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार को फटकार लगताते हुए नमामि गंगे परियोजना का हिसाब मांग लिया है। कोर्ट ने साथ ही ये भी पूछ लिया कि क्यों ना उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को खत्म कर दिया जाए?

कोर्ट को बताया गया कि गंगा में शुद्ध जल नहीं जा रहा है. कानपुर में चमड़ा उद्योग और गजरौला में चीनी उद्योग की गंदगी बगैर शोधित गंगा में गिर रही है. शीशा पोटेशियम व अन्य रेडियो एक्टिव चीजें गंगा को प्रदूषित कर रही हैं. उत्तर प्रदेश में एसटीपी के काम ना करने से गंगा मैली हो रही है. इस पर हाईकोर्ट ने जल निगम के परियोजना निदेशक से स्पष्ट पूछा की एसटीपी की रोजाना मॉनिटरिंग कैसे होती है, कोर्ट ने डेली रिपोर्ट मांगी है.

आईआईटी कानपुर और बीएचयू की रिपोर्ट बेकार-

कोर्ट ने गंगा प्रदूषण पर तैयार की गई आईआईटी कानपुर और बीएचयू की टेस्ट रिपोर्ट पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह रिपोर्ट तो आंखों में धूल झोंकने वाली है. ट्रीटमेंट प्लांट बेकार है. एसटीपी की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे रखी है, वह काम नहीं कर रहे. जांच के लिए जो नमूने भेजे गए वह पर्याप्त मात्रा में नहीं थे.आपको बता दें की इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस मनोज गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की बेंच कर रही है. हाईकोर्ट ने नमामि गंगे के डायरेक्टर को भी तलब किया है. मामले में अगल सुनवाई 31 अगस्त को होगी।

वहीँ कोर्ट का ये भी मानना है जल शक्ति मिशन की तरफ से नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत चलाए जा रहे नमामि गंगे परियोजना में करोडो रुपये खर्च किये गए होंगे लेकिन लेकिन गंगा नदी जैसी थी वैसी ही है।

गंगा संरक्षण मिशन है नमामि गंगे-

सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक गंगा संरक्षण मिशन को शुरू किया है। गोमुख से लेकर हरिद्वार के सफर के दौरान गंगा 405 किलोमीटर का सफर तय करती है. आपको बता दें की इस योजना की शुरुआत 2014 में केंद्र सरकार द्वारा किया गया था। गौरतलब है की गंगा प्रदूषण के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डायरेक्टर को तलब किया है।

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