सत्ता संघर्ष : कभी दाएं तो कभी बाएं ओर झूलती चुनावी नांव, किनारा जनता के हिस्से में !

जो दिखाई, सुनाई व कहा गया है उससे तो कुछ और ही निकलकर आ रहा सामने, फ़िलहाल इस बात का पता तो आगामी 10 मार्च को चलेगा

उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के नतीजें आने में अब गिनती के ही दिन बचे है। सात चरणों में संपन्न होने वाले इस चुनाव ( election ) में भले ही किसी पार्टी की जीत सुनिश्चित समझना कठिन हो लेकिन आसार बहुत कुछ बयां कर रहे है। 2017 विधानसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटें जीतने वाली भाजपा एक ओर जहाँ जीत का दावा का रही है।

अब्बास अंसारी की अखिलेश से गुहार

अभी हाल ही में जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी का बयान सामने आया है। जिसमे उसने एक जनसभा में ये कहा है की उसने अखिलेश यादव की सरकार बनने पर वहाँ के अधिकारियों का ट्रांसफर छह महीने तक कहीं और न करने की अपील करी है। अब सवाल उठता की आखिर किस तरह का प्रशासनिक अधिकारीयों से हिंसाब चुकता होगा ?

अयोध्या के बोर्ड रंग का मामला

कुछ दिन पहले ही अयोध्या के जिलाधिकारी के कार्यालय की साफ सफाई व सुंदरीकरण का काम किया जा रहा था। जिसमें वहाँ लगे एक भगवा रंग के बोर्ड को बदलकर हरे रंग के बोर्ड को लगाया गया। हालाँकि मामला तूल पकड़ने पर डीएम ने स्थिति साफ किया। और बाद में उस जगह लाल रंग के बोर्ड को लगाया गया।

कोतवाल साहब की तैयारी

तो वहीं नतीजे आने से पहले ही बलिया सदर से बीजेपी प्रत्याशी दयाशंकर सिंह को एसएचओ ने जीत की बधाई दे डाली। और ये बधाई भी उनको एसएचओ साहब ने खुद उनकी गाड़ी के पास जाकर दी। अब प्रशासन का सत्ताधारियों से इतना लगाव कुछ और ही कहता है।

खैर सत्ता जनता किसको सौंपने जा रही है इस बात का पता तो आगामी 10 मार्च को चलेगा। लेकिन जो दिखाई, सुनाई व कहा गया है उससे तो कुछ और ही निकलकर सामने आ रहा है।

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