तो इस वजह से इंडियन रेलवे ने कैंसल की 670 ट्रेनें !

इस महीने की शुरुआत से भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में लगभग 17% की गिरावट आई है और यह आवश्यक स्तरों का बमुश्किल एक तिहाई है...

इस वक़्त भयानक गर्मी पड़ रही हैं ऐसे में कोयले की मांग भी ज्यादा बढ़ गई हैं। भारत के कई हिस्सों की बात करे तो कई जगहों पर ब्लैकआउट की स्थिति हैं, जबकि कुछ इंडस्ट्रीज फॉसिल फ्यूल्स की कमी के कारण उत्पादन में कटौती हो रही हैं, जिससे महामारी से प्रेरित मंदी से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को भी खतरा है। ऐसे में बिजली की पूर्ति करने के लिए रेलवे पर इसकी जिम्मेदारी आ गई हैं। कोयले से लड़ी गाड़ियों को रास्ता देने के लिए कुछ हफ्तों से रोजाना 16 मेल/एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ रहा है।

ये हैं कारण :
रेलवे के अनुसार, 24 मई तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। इनमें से 500 से अधिक ट्रेनें लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। रेलवे ने साथ ही कोयला लदी मालगाड़ियों की औसत संख्या भी बढ़ा दी है। अब रोजाना 400 से ज्यादा ऐसी ट्रेनों को चलाया जा रहा है। यह पिछले पांच साल में ऐसी ट्रेनों से सबसे अधिक संख्या है।
वही भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि, यह उपाय अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही यात्री सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।

कोयले में गिरावट :
इस महीने की शुरुआत से भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में लगभग 17% की गिरावट आई है और यह आवश्यक स्तरों का बमुश्किल एक तिहाई है। बिजली संकट के कुछ ही महीनों बाद आपूर्ति की कमी आती है, पिछली बार कोयले के भंडार में औसतन चार दिनों की गिरावट देखी गई, जिससे कई राज्यों में ब्लैकआउट शुरू हो गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button