LDA पर फिर शिकंजा , रेरा ने फिर लगाया जुर्माना !

यूपी रेरा आवंटियों की शिकायत पर प्राधिकरण के खिलाफ करीब पौने तीन सौ मामलों में आदेश दे चुका है। कुछ मामलों में एलडीए ने इसका पालन भी किया है...

लखनऊ। एलडीए कि मुश्किलें काम नहीं हो रही हैं। एक बार फिर रेरा ने एलडीए पर जुर्माना लगाया है। आवंटी को तय समय पर मकान नहीं देने और आदेश नहीं मानने पर रेरा ने यह कार्रवाई की है। परिजात अपार्टमेंट के एक आवंटी के प्रार्थना पत्र का निस्तारण करते हुए रेरा सचिव ने आदेश जारी होने की तिथि से 31 मार्च 2022 तक 1003 दिनों के लिए 885 रुपए रोजाना के हिसाब से जुर्माना लगाया है।

एलडीए ने नियम का पालन नहीं किया :

यूपी रेरा आवंटियों की शिकायत पर प्राधिकरण के खिलाफ करीब पौने तीन सौ मामलों में आदेश दे चुका है। कुछ मामलों में एलडीए ने इसका पालन भी किया है। कुछ प्रकरण में एलडीए ने आदेश के खिलाफ यूपी रेरा ट्रिब्यूनल में अपील की है। नया मामला प्राधिकरण के परिजात अपार्टमेंट का है। यहां के आवंटी समर विजय की शिकायत पर सुनवाई कर रेरा ने तीन जून 2019 को आदेश पारित किया।

इसमें रेरा ने 25 सितंबर 2016 से 25 अगस्त 2018 तक देरी के लिए शिकायतकर्ता की जमा धनराशि पर एमसीएलआर से एक प्रतिशत अधिक वार्षिक ब्याज दर पर विलंब ब्याज देने का आदेश किया था। मगर एलडीए ने इसे नहीं माना। रेरा ने फिर नोटिस दी तो भी एलडीए ने आख्या नहीं दी। इसके बाद रेरा ने 17 मई 2022 को एलडीए पर फिर जुर्माना लगाया है। सचिव राजेश त्यागी ने एलडीए पर आदेश का अनुपालन न करने के लिए 3 जुलाई 2019 से 31 मार्च 2022 तक कुल 1003 दिन का जुर्माना लगाया है।

इतना लगा जुर्माना:

885 रुपए प्रतिदिन की दर से जुर्माना लगाया गया है। केवल इसी एक मामले में ही 8,87,655 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। इसी तरह अन्य मामले भी रेरा में लम्बित हैं। इन मामलों में भी जल्दी ही एलडीए पर जुर्माना लगेगा।

इसी तरह सृष्टि अपार्टमेंट जानकीपुरम विस्तार के विवेक शर्मा की शिकायत पर यूपी रेरा ने एलडीए पर 21,30, 565 रुपए जुर्माना लगाया था। मगर प्राधिकरण ने रकम नहीं जमा की तो रेरा ने आरसी जारी कर दी। एलडीए की अपील ट्रिब्यूनल ने खारिज कर रिकवरी का आदेश किया है।

जुर्माना नहीं चुकाने पर यूपी रेरा एलडीए के खिलाफ 63 आरसी जारी कर चुका है। रिकवरी के लिए रेरा ने डीएम को भी पत्र भेजा है। मगर रिकवरी नहीं हो पाई है। इन मामलों में प्राधिकरण से करीब सात करोड़ रुपये की वसूली होनी है।

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