पंजाब सरकार पुरानी पेंशन बहाली पर कर रही विचार, केजरीवाल ने कहा- ‘अच्छा फैसला’ !
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार कर रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार कर रही है। OPS (पुरानी पेंशन प्रणाली) को फिर से शुरू करने की मांग की गई है। दरअसल उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मेरी सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को वापस लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए इसके मुख्य सचिव को क्रियान्वयन की व्यवहार्यता और तौर-तरीकों का अध्ययन करने को कहा गया है। हम अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ वहीं उनके ट्वीट को देखकर आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी तारीफ की।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कही ये बात
दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “बहुत अच्छा! यह एक अच्छा फैसला है। पूरे भारत में सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चाहते हैं।”
Wow! A great decision. All govt employees across India want Old pension scheme to be restored. https://t.co/rOll0SY5CU
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 19, 2022
राज्य के कर्मचारी कर रहे मांग
दरअसल, पिछले साल अगस्त में आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जनता से वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी पंजाब में सत्ता में आई तो पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा। वहीं पंजाब सिविल सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुखचैन सिंह खैरा ने सीएम की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि राज्य के कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
आपको यह भी बता दें कि पुरानी पेंशन योजना को 2004 में बंद कर दिया गया था। हालांकि, विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने कहा, “पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना राज्य के लिए विनाशकारी कदम होगा, भले ही यह कुछ समय के लिए खजाना भर दे।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि ओपीएस को लागू करना आसान नहीं होगा। जबकि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत, कर्मचारी अपने वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन कोष में योगदान करते हैं जबकि सरकार 14 प्रतिशत का भुगतान करती है और उसके बाद राशि पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण के पास जमा कर दी जाती है। दूसरी ओर, अगर सरकार आगे बढ़ती है और ओपीएस को लागू करती है, तो उसे प्राधिकरण से पैसा निकालना होगा, हालांकि, फंड लॉक-इन अवधि द्वारा सुरक्षित है। यदि इसे पहले वापस ले लिया जाता है, तो प्राधिकरण के अनुमोदन की आवश्यकता होती है जो आसान नहीं हो सकता है।
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