Pakistan Economy: डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर लुढ़की पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, जानिये क्या हो सकती है वजह !
पकिस्तान में बीते कुछ दिनों से सरकार बदलने के बाद भी आर्थिक संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
पकिस्तान में बीते कुछ दिनों से सरकार बदलने के बाद भी आर्थिक संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें की पकिस्तान का रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।पाकिस्तान के लिए चुनैतियाँ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, आपको बता दें कि पाकिस्तानी रुपये में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रहा।
15 जुलाई के बाद से ही डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बीते एक हफ्ते में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 8 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है। इस कारणवश आज एक बार फिर मंगलवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में गिरावट के साथ 233 के स्तर पर आ गया है। वहीं भारतीय रुपये ने आज स्थिरता दिखाई है इसका मतलब पाकिस्तानी रुपये में भारतीय रुपये के मुकाबले भी तेज गिरावट दर्ज की है।
पकिस्तान के लिए है खतरे की घंटी
पाकिस्तान के रुपये में बार – बार गिरावट को देखते हुए , पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के एक प्रकार से खतरे की घंटी है। बता दें कि पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में लगातार नुकशान झेलना पड़ रहा है और इस बढ़ती महंगाई को दखते हुए पकिस्तान की विदेशी मुद्रा भण्डार भी दिन -प्रतिदिन कम होता जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बात करें तो देश में राजनितिक और आर्थिक अस्थिरता और IMF (International Monetary Fund) से कर्ज न मिलने के कारण पकिस्तान की हालात खराब नजर होते हुए दिखाई दे रहें हैं।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बिगड़े हालात
ऐसे में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से खराब बताई जा रही है। जब पूर्व पीएम इमरान खान ने कमान संभाली थी तब भी पाकिस्तान की हालत ठीक नहीं थी। हालांकि वह ऐसा कदम नहीं उठा पाए जिससे संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को दुबारा ठीक किया जा सके।
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद पूरी दुनिया ही महंगाई से जूझ रही है। ऐसी हालत में पाकिस्तान में महंगाई चरम सीमा पर है। इस समय बताया जा रहा है विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है और इसलिए रुपया लगातार गिर रहा है।
कितनी गिरावट में है पाकिस्तानी रुपया
आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में एक भारतीय रुपये 2.1 पाकिस्तानी रुपये के ऊपर था। इस समय ये 2.7 के स्तर के करीब है।
एक साल में पाकिस्तान का रुपया भारतीय रुपये के मुकाबले 28 प्रतिशत कमजोर हुआ है।