मुफ्त में मिलता है देश के इस गांव में दूध, इससे पैसे कमाने को मानते है पाप !

देश में दूध की कंपनियां जहाँ एक तरफ अपने प्रोडक्ट्स के दामों में तेज़ी ला रही है, वहीं दूसरी ओर ये गांव एक मिशाल के रूप में कायम है

आज के इस दौर में जहां लोग पानी तक का व्यापार कर रहे है। वहीं देश में एक जगह ऐसी भी है जहां पर लोग दूध व उससे बनी चीजों का सौदा नहीं करते है। अगर आप किसी से दूध लेते हैं, तो वह आपको मुफ्त में मिलता है।

पुरानी व मनमोहक पद्धति में कायम

आज जन्माष्टमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन लोग कान्हाजी को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाते हैं। इसलिए बाजार में दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है। आलम ये है कि कई दूध कंपनियों ने इसकी वजह से दाम बढ़ा दिए हैं। लेकिन यह गांव आज भी अपनी पुरानी व मनमोहक पद्धति में कायम है।

सामान का भी कारोबार नहीं होता

जी हाँ हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के गवली गांव की। जहां दूध से बनी हर चीज बिल्कुल मुफ्त दी जाती है। इसका मतलब दूध का कारोबार नहीं बल्कि इससे बने सामान का भी कारोबार नहीं होता है। आपके मन में सवाल की घंटी बज रही होगी कि आज के युग में जहां लोग पानी के भी पैसे लेते है। तो वहीं दूध, दही व इससे जुडी चीजों का कोई पैसा नहीं लेते है।

जरूरतमंदों के लिए बिल्कुल मुफ्त

इस गांव के लोगों का मानना है कि वे लोग खुद भगवान कृष्ण के वंशज है। इसलिए वे मानते हैं की दूध बेचना पाप हैं। इस गांव में गाय को सबसे अच्छी जगह दी जाती है। यहां कोई भी परिवार गाय का दूध नहीं बेचता। लोगों को लगता है कि दूध से बने ये उत्पाद जरूरतमंदों के लिए बिल्कुल मुफ्त हैं। यहां के लोगों को शुद्ध दूध मिलता है। इसलिए यहां हर उम्र के लोग स्वस्थ हैं।

आज भी इस परंपरा को जारी

गांव के लोगों का कहना है कि भगवान कृष्ण ने दूध खरीदने और बेचने के लिए नहीं कहा था। तब से यह कहानी ग्रामीणों के लिए पत्थर पर एक रेखा बन गई है और वे आज भी इस परंपरा को जारी रखते हैं। इसलिए यहां दूध बेचने के बारे में कोई नहीं सोचता। ग्रामीणों का कहना है कि हम दूध और उसके उत्पादों को गांव में मिल बांटकर इसका सेवन करते हैं। साथ ही जरूरतमंदों को देते हैं। शुद्ध दूध पीने से ग्रामीण बहुत स्वस्थ होते हैं।

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