जाने कौन है मुक्तदा अल सद्र जिनकी वजह से इराक में लगा देशव्यापी कर्फ्यू !

इराक की राजनीति इस समय ,पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुईं है। वजह बने है धर्म गुरु मुक्तदा अल सद्र।

इराक की राजनीति इस समय ,पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुईं है। वजह बने है धर्म गुरु मुक्तदा अल सद्र। जिन्होंने बीते सोमवार को राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है।

ऐलान करते ही धर्मगुरु मुक्तदा अल सद्र के समर्थक सड़क पर उतर आये। जगह-जगह उग्र प्रदर्शन होने लगे।यह प्रदर्शनजब हिंसा में बदलने लगा तो सेना को आना पड़ा। सेना ने देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया है। आइए हम आपको बताते हैं आखिर धर्मगुरु मुक्तदा अल सद्र ने राजनीति छोड़ने का ऐलान क्यों किया और यह पूरा मामला क्या है।

क्या है पूरा मामला

हम आपको बता दें मुक्तदा अल सद्र इराक के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु हैं। जिसने राजनीति से सन्यास लेने और पार्टी कार्यालयों को बंद करने का बीते सोमवार को ऐलान किया था। वो राजनीति में वर्षों से सक्रिय रहे हैं। उनकी काफी लंबी फैन फॉलोइंग है। एक धर्मगुरु होने के कारण इराक में उनका काफी वर्चस्व है।

बहुमत तक नहीं पहुंच पाए

मुक्तदा अल सद्र चर्चा में तब आए थे जब सद्दाम हुसैन ने इनके बेटे ग्रैंड अयातुल्ला सैय्यद मुहम्मद मुहम्मद-सादिक, 1999 में हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद सिया धर्म के लोग इनके सपोर्ट में आ गये। और वहीं से धीरे-धीरे मुक्तदा अल सद्र इराक के सबसे चर्चित चेहरे बन गए। इसके बाद अल-सद्र ने इराक में दशकों के संघर्ष और प्रतिबंधों से उबरने के प्रयास ,और सांप्रदायिक संघर्ष, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अपने समर्थकों के साथ आंदोलन किया है।

उस आंदोलन का नतीजा यह रहा की पूरे इराक कि लोग मुक्तदा अल सद्र के साथ आ गए और इनको अपना समर्थन दे दिए। तमाम लोगो के समर्थन के बावजूद भी मुक्तदा अल सद्र पिछले चुनाव में बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे। हम आपको बताते चलें कि पिछले चुनाव में मुक्तदा अल सद्र की पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाए थे इसके बाद राजनीतिक गतिरोध बढ़ता गया और धीरे-धीरे यह राजनीति से किनारा करने लगे।

राजनीति से सन्यास लेने का फैसला

इराक का राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी बहुमत न जुटा पाने की वजह से मुक्तदा अल सद्र ने सरकार बनाने की बातचीत से खुद को बाहर कर लिया था। में आपको बता दो कि इराक में पिछले 10 महीने से ना तो कोई स्थाई प्रधानमंत्री है ना कोई मंत्रिमंडल है और ना ही कोई सरकार है। नई सरकार के गठन को लेकर एक बार फिर से महीनों से गतिरोध चल रहा है अल सद्र जल्द चुनाव कराने और संसद को भंग करने की मांग कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का फैसला कर लिया जिससे इराक की राजनीति अस्त व्यस्त हो गयी है।

 

 

 

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