ज्येष्ठ मंगल : जानिए बजरंगबली जी के पांच प्रभावशाली मंत्र व विधि के बारे में ? इस खबर में
कहते है यदि कोई इनकी पूजा पूरी श्रद्धा भाव व विधि विधान से करे तो ये कभी भी अपने भक्तों पर कष्ट की छाया तक पड़ने नही देते
समस्त देवताओं में जो गुणों की खान है, अभीष्ट सिद्धियों के जो स्वामी है व प्रभु श्री राम के जो अनन्य भक्त है अर्थात हनुमान जी ( Hanuman ji ) है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ये उन देवताओं में आते है जो कलयुग में जीवित व भूलोक में विचरण करते हैं।
हनुमान जी पर सभी देवताओं का आशिर्वाद प्राप्त है। पवनपुत्र व अंजनी के लाल होने के साथ साथ इन्हें अजर, अमर होने का वरदान माता सीता से मिला है। कहते है यदि कोई इनकी पूजा पूरी श्रद्धा भाव व विधि विधान से करे तो ये कभी भी अपने भक्तों पर कष्ट की छाया तक पड़ने नही देते।
आज हम आपको इनकी पूजा से जुड़े वो पांच प्रभावशाली मंत्र बताने जा रहे है जिनको सुनकर ये जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। तो आइए जानते है :
1- ॐ हं हनुमते नम:
2- ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
3- मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
4 – ॐ अं अंगारकाय नमः’
5- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
साधक अगर इन पांच मंत्रो को यदि भक्ति बहाव से नित्यप्रति पाठ करता है तो उसे भगवान हनुमान जी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।