# Dr APJ Abdul Kalam : भारत को LOW POWER से ऐसे बनाया SUPER POWER !

आज भारत जो दुनिया के सामने परमाणु शक्ति बनकर खड़ा है उसके पीछे भारत रत्न व पद्म भूषण अब्दुल कलाम जी है

आज देश का इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानि की इसरो पूरे विश्व में अपनी तकनीक व विशेष अभियानों से सफलता के झंडे गाड़ रहा है।

सामान्य सा लगने वाला भारत का कैसे खास बना

अमेरिका, चीन व जापान जैसे टेक्नोलॉजी के मामले में सुपर पॉवर भी भारत के संस्थानों के कामों के कायल है। लेकिन क्या आपको पता है आज जो मुकाम इसरो छू रहा है उसके पीछे किसका हाथ है ? आज भारत जो गर्व से सीना तानकर टेक्नोलॉजी में बढ़ रहा है उसके पीछे किसका हाथ है ? 90 के दशक तक सामान्य सा लगने वाला भारत का आज कैसे खास बना ?

भारत रत्न कलाम देश के राष्ट्रपति भी बने

वजह है देश के 11 वें राष्ट्रपति व मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। जी हाँ हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि आज भारत जो दुनिया के सामने परमाणु शक्ति बनकर खड़ा है वो इन्ही के कारण है। उन्होंने देश के रिसर्च संस्थानों जैसे डीआरडीओ, इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च व इसरो जैसे संस्थानों को विदेशी टेक्नोलॉजी को मात देने में सक्षम बनाया। करीब चालीस साल तक देश को तकनीकि क्षेत्र में मजबूती देने वाले भारत रत्न कलाम देश के राष्ट्रपति भी बने।

छोटे लोग ही धर्म को लड़ाई का जरिया बनाते हैं

डॉ कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हिंदुओं के तीर्थस्थल तमिलनाडु के रामेश्वरम के पंबन द्वीप के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। अपने चार भाइयों व एक बहन में सबसे छोटे कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन मराकायर कलाम था। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलामी था। डॉ कलाम को जितना टेक्नोलॉजी की समझ थी उतना ही वो समाज के जानकर भी थे। कलाम मानते थे कि दूसरे धर्मों के लिए सम्मान इस्लाम के प्रमुख आधारशिलाओं में से एक है। वह अकसर कहते थे कि ‘धर्म दोस्त बनाने का जरिया होता है, छोटे लोग ही धर्म को लड़ाई का जरिया बनाते हैं।’

भवन से निकले तो केवल एक सूटकेश

जितने सरल कलाम दिखते थे उतने ही वो व्यक्तिगत जीवन में भी थे। उनके बार में कहा जाता है की जब वह राष्ट्रपति बने तो उनके रिश्तेदार पहली बार उनसे मिलने आए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में उनके लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की। उन्होंने रिश्तेदारों को दिल्ली के चारों ओर ले जाने के लिए एक छोटी बस किराए पर ली और उन्होंने इसके लिए भुगतान किया। कहा जाता है की जब वो राष्ट्रपति भवन से निकले तो वे अपने साथ एक सूटकेश लेकर बाहर आये जिसमे उनके कुछ कपडे व किताबें थी।

मिसाइल मैन अनंत यात्रा पर निकल गए

27 जुलाई, 2015 को, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देने जा रहे कलाम साहब को अचानक कार्डिक अरेस्ट पड़ा। जिसके बाद ये मिसाइल मैन अनंत यात्रा पर निकल गए। युवाओं को हमेशा प्रोत्साहित करने वाले पूर्व महामहिम ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में न्योछावर कर दिया। आज शून्य में विलीन हो चुके कलाम जी देश को सुपर पॉवर बनने का रास्ता पहले ही तय कर गए थे।

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