क्या आपको पता है कि भारत में सड़क दुर्घटना में रोज कितने लोग मरते है ?

जब आप अपने घर से बाहर निकलते हैं ,तो अपने परिवार से कहते हैं कि बैठिए अभी मैं तुरंत वापस आ रहा हूं। या इसके अलावा आप यह कहते हैं कि..

जब आप अपने घर से बाहर निकलते हैं ,तो अपने परिवार से कहते हैं कि बैठिए अभी मैं तुरंत वापस आ रहा हूं। या इसके अलावा आप यह कहते हैं कि आप लोग यही रुको में अभी वहां जा रहा हूं। घर पर परिवार वाले आपका इंतजार करते हैं।

लेकिन कभी-कभी क्या होता है, कि आप इन शब्दों बोलकर घर से निकल जाते है। लेकिन आप लौट कर नहीं आते और आती है तो सिर्फ एक मैसेज या एक फोन। उस पर यह सूचना दी जाती है परिवार वालों कि आपके घर के इस व्यक्ति का रोड पर एक्सीडेंट हो गया है। आप आफरा- तफरी में हॉस्पिटल पहुंचते हैं। हॉस्पिटल पहुंचने के बाद आप देखते हैं कि वह व्यक्ति जो अभी आपके पास से कुछ ही समय पहले यह कह कर गया था कि बैठो मैं अभी आ रहा हूं। वो हॉस्पिटल में अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे ले रहा होता है।

क्या कहती है रिपोर्ट

क्या आप जानते है ,कि पूरी दुनिया में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में से 11 परसेंट मौतें सिर्फ भारत में होती हैं। जबकि भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीस दी वाहन है। दुर्घटना होने की जो मुख्य वजह बनती है वो है ,तेज रफ्तार ,लापरवाही ,नींद, नशा, इत्यादि। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल गाड़ी तेज चलाने की वजह से 87050 लोगों की मौत हुई थी। सबसे बड़ी बात एनसीआरबी की रिपोर्ट में में कहा गया कि सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं दोपहर के 3:00 बजे से लेकर रात के 9:00 बजे तक होती है।

दुर्घटना होने का एक और सबसे बड़ा कारण है मोबाइल का इस्तेमाल करना। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बीते 5 सालों में ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से करीब 40000 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यह संख्या हर साल बढ़ रही है विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना में हताहत होने वालों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। लेकिन सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11% है देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही है हर 4 मिनट में 1 मौतें होती हैं रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में भारतीय सड़कों पर अब तक 13 लाख लोगों की मौत हुई है और 50 लाख लोग घायल हुए हैं।

 

 

 

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