देश भर में ईडी व भाजपा के खिलाफ कांग्रेसियों का प्रदर्शन, जानिए आखिर क्यों ईडी ने राहुल व सोनिया गांधी को किया है तलब
राहुल गांधी प्रियंका समेत कांग्रेसी नेताओं के साथ पहुंचे ईडी कार्यालय, यह पहला मौका जब राहुल गांधी से कोई केंद्रीय एजेंसी कर रही है पूछताछ
लखनऊ। पूरे देश में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पेश होने की चर्चा है। देश के अधिकांश शहरों में कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ईडी की जांच को सरकारी एजेंसियों का दबाव बनाकर कांग्रेस की छवि को धूमिल करने का आरोप लगा रहे है। दूसरी ओर ईडी के अनुसार यह एक मनी लांड्रिंग का मामला है। इसमें एक पुराने व बंद हो चुके अखबार नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को स्थानांतरति किया गया है, जिसकी कीमत मौजूदा समय में 2 हजार करोड़ रुपए है। ईडी इसी मामले की जांच कर रही है क्या नियमों के अनुरुप इसको खरीदा गया है या नहीं। तो आइए जानते हैं क्या है नेशनल हेराल्ड मामला…
यह है नेशनल हेराल्ड केस
वर्ष 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (एजेएल) नाम की एक कंपनी बनाई थी, जो नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी। अखबार प्रकाशित करने के कारण इस कंपनी को कई शहरों में सस्ते दरों पर जमीनें मिली थीं। दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग पर एक बिल्डिंग की कीमत मौजूदा समय में दो हजार करोड़ रुपए है। इसी बिल्डिंग को लेकर विवाद है। यह मामाला वर्ष 2012 में भाजपा नेता सुब्रहमणयम स्वामी ने उठाया था।
इसमें यंग इंडियन कंपनी द्वारा 2 हजार करोड़ रुपए की बिल्डिंग को कब्जा किए जाने का आरोप लगाया था। आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बनाई कंपनी यंग इंडियन का मकसद कारोबार करना नहीं था बल्कि यंग इंडिया के जरिए एजेएल को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे। आरोप है कि सिर्फ 50 लाख रुपये की बकाया धनराशि को चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन बैठे हैं।
यह है एजेएल और यंग इंडियन की भूमिका
अब तक जो बातें सामने आई हैं उसमें यंग इंडिया की भूमिका संदिग्ध नजर आती है। वर्ष 2015 में एक निचली अदालत ने सोनिया गांधी,राहुल गांधी, मोतीलाल बोरा,आस्कर फर्नाडीज, सुमन दूबे व सैम पित्रोदा को आरोपी मानते हुए जमानत दे दी थी। वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के साथ इस मामले की जांच ईडी ने शुरू की है। इसमें मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया गया है, जिसके लिए आज राहुल गांधी से पूछताछ हो रही है। दरअसल एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया व राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर ‘यंग इंडियन ‘ को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया।यानी ‘यंग इंडियन’ को मुफ्त में टीएजेएल का स्वामित्व मिल गया। अब ईडी जांच कर रही है कि यह कार्य क्या नियमों के अनुरुप था या नहीं।