दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को हंगामा शुरू हो गया। सदन की शुरुआत होते ही आबकारी नीति, डिप्टी सीएम के आवास पर छापे, AAP विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए 20-20 करोड़ के कथित ऑफर समेत अन्य मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला। हंगामा बढ़ने पर डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला ने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
खोका-खोका और धोखा-धोखा के लगे नारे !
AAP विधायकों ने अपनी पार्टी के कुछ विधायकों को 20 करोड़ रुपये देकर खरीदने का हवाला देते हुए “खोका-खोका” के नारे लगाए, तो भाजपा विधायकों ने केजरीवाल पर शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए “धोखा-धोखा” के नारे लगाए। नारेबाजी के बीच डिप्टी स्पीकर ने आप विधायक ऋतुराज को 15 मिनट के लिए सदन से बाहर जाने का आदेश दिया।
भजपा ने AAP को घेरने की करी तैयारी !
भाजपा ने दिल्ली सरकार को शराब नीति पर सदन से सड़क तक घेरने ने की नीति तैयार की है। शुक्रवार को विधानसभा सत्र में भाजपा विधायकों ने सदन में सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने का एलान किया है। वहीं, प्रदेश भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। भाजपा विधायक दल ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नियमों का पालन करवाएं। सरकार यदि नियमों को नहीं मानती है तो विधानसभा को भंग कर दिया जाए। इस विधायक दल की एक बैठक भी हुई, जिसमें कहा गया कि दिल्ली विधानसभा को AAP की सरकार ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।
जनता के मुद्दों पर बात नहीं कर रही सरकार !
भाजपा का कहना है कि केजरीवाल सरकार जनता के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती। शुक्रवार को आबकारी नीति पर बात करने के लिए सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया गया है जिसके लिए किसी नियम का पालन नहीं किया गया। भाजपा विधायकों ने कहा कि इस सत्र में न तो प्रश्नोत्तर होता है और न ही सदस्यों को चर्चा के विषय उठाने की अनुमति दी जाती है।
कांग्रेस ने भी साधा AAP पर निशाना !
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री से विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में सदन से माफी मांगने की मांग की है। अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री के बयान को गुमराह करने वाला बताया। साथ ही यह आरोप लगाया कि कट्टर ईमानदारी का चोला पहनने का दावा करने वाले भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति इतनी फायदेमंद थी तो इसे वापस क्यों लिया गया? अगर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को यह मालूम था कि शराब नीति ठीक नहीं है तो उसे लागू क्यों की।?
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष की गैर-मौजूदगी में उपाध्यक्ष ने इसकी जानकारी विधायकों को भेज दी थी। यह सातवीं विधानसभा के तीसरे सत्र के तीसरे भाग की बैठक बुलाई गई है। बता दें कि तीसरे सत्र के दूसरे भाग की बैठक 5 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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