Chattisgarh: CM बघेल ने छत्तीसगढ़ में PESA कानून किया लागू, बोले- आदिवासी बनेंगे सशक्त !

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को  PESA कानून-2022 लागू कर दिया। उन्होंने कहा राज्य में PESA नियम के लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को  PESA कानून-2022 लागू कर दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के हितों की रक्षा और ग्राम सभाओं की शक्ति बढ़ाने के लिए केंद्रीय अधिनियम के तहत एक नया नियम बनाया है। उन्होंने कहा राज्य में PESA नियम के लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा।

नियम न बनने के कारण नहीं मिल रहा था लाभ !

CM बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में Panchayat (Extension of the Scheduled Areas) Act या PESA पहले से लागू था, लेकिन आदिवासियों को वांछित लाभ नहीं मिल रहा था। इसलिए राज्य सरकार ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया, इसके बाद उसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाई और सोमवार को राजपत्र में अधिसूचित किया गया।
जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि CM बघेल ने मंगलवार को रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित किये गए सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि PESA कानून पहले से अस्तित्व में था, लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था।
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बढ़ेगा ग्राम सभा का अधिकार !

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘‘छत्तीसगढ़ में PESA अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए 8 अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल, जंगल, जमीन के बारे में खुद फैसला कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में PESA कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य भी शामिल होंगी।’’
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई, आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए जिसके तहत अब तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं। आदिवासियों के हितों का ध्यान रखने के लिए और योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेंडर की शुरुआत की गयी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।

हो रहा है आदिवासियों का सशक्तिकरण !

CM बघेल ने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है। इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘‘आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान रही है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में भी बड़ा योगदान रहा है। हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं। इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है।’’ इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।
PESA एक केंद्रीय कानून है जो 1990 के दशक में अस्तित्व में आया। हालांकि, कानून का कार्यान्वयन राज्य सरकार पर निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ ने अपने नियमों का गठन किया है, जबकि महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले कई राज्यों ने अभी तक अधिनियम के प्रावधानों को लागू नहीं किया है।
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क्या है PESA अधिनियम ?

पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 या PESA, अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा लाया गया था। यह कानूनी रूप से जनजातीय समुदायों, अनुसूचित क्षेत्रों के निवासियों के स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को नियंत्रित करने के अधिकार को मान्यता देता है, और प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को भी स्वीकार करता है।
इस उद्देश्य के अनुसरण में, PESA ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं को मंजूरी देने और सभी सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है। इसमें नीतियों को लागू करने वाली प्रक्रियाएं और कर्मी, लघु वन संसाधनों, लघु जल निकायों और लघु खनिजों पर नियंत्रण रखने, स्थानीय बाजारों का प्रबंधन, भूमि के अलगाव को रोकने और अन्य चीजों के साथ नशीले पदार्थों को नियंत्रित करने वाले नियम शामिल हैं।
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