10वी की बोर्ड परीक्षाओ में हुआ बड़ा बदलाव !
बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन वर्ष में दो बार होगा। जिसमें छात्र-छात्राओं के पास ये छूट होगी कि वह दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से बेस्ट मार्क्स को फाइनल मान सकते हैं।

यू तो बच्चे बोर्ड के एग्जाम देने से घबराते है क्योकि बोर्ड एग्जाम को लेकर बच्चो को इतना डरा दिया गया है की उनको अब बोर्ड के एग्जाम देने से दर लगता है साथ ही जो बच्चे पहली बार 10वी की बोर्ड परीक्षा देते है उनके मन में ये सवाल जरूर होता है की आखिर एग्जाम में जो पूछा जायेगा। वो कही आउट ऑफ़ सिलेबस तो नहीं पूछ लिया जायेगा। आज ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने बोर्ड एग्जाम को लेकर बड़ी घोषणा की है ये घोषणाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए किए गए हैं। जिसके अनुसार अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन वर्ष में दो बार होगा। जिसमें छात्र-छात्राओं के पास ये छूट होगी कि वह दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से बेस्ट मार्क्स को फाइनल मान सकते हैं।
बोर्ड एग्जाम को लेकर बड़ी घोषणा
इसके अलावा क्लास में कॉपियों को ‘कवर’ करने के वर्तमान चलन से बचा जाएगा। साथ ही कॉपियो की लागत को अनुकूलित किया जाएगा। अब छात्र-छात्राओं को इन क्लासों में अपने पसंद के सब्जेक्ट सेलेक्ट करने की छूट होगी। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, कक्षा 11वीं और 12वीं में कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। 2024 में पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी। फिलहाल की स्थिति में सभी बोर्डों के करिकुलम के अनुसार स्टूडेंट्स साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, वोकेशनल आदि में से किसी एक का चयन करना होता है।
छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण और एनएसटीसी समिति की संयुक्त कार्यशाला के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने इसे सरकार को सौंप दिया है. सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया है।
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