चिडिय़ाघर के बब्बर शेरनी पिंकी की मौत, प्रयासों के बावजूद नहीं बची जान !
लखनऊ नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान की हाइब्रिड बब्बर शेरनी पिंकी की गुरुवार को मौत हो गई। सात वर्षीय पिंकी की तबीयत बुधवार से अधिक खराब हो गई थी।
लखनऊ नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान की हाइब्रिड बब्बर शेरनी पिंकी की गुरुवार को मौत हो गई। सात वर्षीय पिंकी की तबीयत बुधवार से अधिक खराब हो गई थी। उसकी सेहत में गिरावट को देखते हुए उसका गहन इलाज शुरू किया गया था। गुरुवार सुबह स्वास्थ्य में अचानक काफी गिरावट पाई गई।
अथक प्रयासों के बावजूद हो गई मृत्यु
गहन चिकित्सा के लिए पालीक्लीनिक, पशुपालन विभाग, उप्र व आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के चिकित्सकों से परामर्श लिया जा रहा था। कुमारगंज से पशु चिकित्सकों की टीम लखनऊ प्राणि उद्यान पहुंच गई थी। अथक प्रयासों के बावजूद सुबह इसकी मृत्यु हो गई। चिडिय़ाघर के हाइब्रिड बब्बर शेर पृथ्वी और शेरनी वसुंधरा से चार शावकों का वर्ष 2015 में जन्म हुआ था। प्रसव के समय बब्बर शेरनी पिंकी आखिरी शावक के रूप में जन्मी थी।
आनुवांशिक रूप से थी कमजोर
जन्म से वह आनुवांशिक रूप से अत्यधिक कमजोर थी। चिकित्सकों की देखभाल से वह किसी तरह जीवित बच पाई। इसकी शारीरिक वृद्धि भी सामान्य नही हो पा रही थी। इसी वजह से पिंकी का आकार छोटा रहा। उसे दृष्टिदोष के चलते दिखाई भी कम देता था। वह शारीरिक रूप से काफी कमजोर थी। इलाज के लिए दो वर्षों से वह वन्यजीव चिकित्सालय में रह रही थी। पिंकी की उम्र लगभग सात वर्ष थी।
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