अवैध नज़रबंदी के संबंध में अमिताभ ठाकुर ने सीजेएम कोर्ट लखनऊ में की एफआईआर की मांग

यह अवैध नज़रबंदी अमिताभ की 27 अगस्त को करीब 02.30 बजे घर से उठाने के समय समाप्त हुई

लखनऊ : अमिताभ ठाकुर ने 21 से 27 अगस्त 2021 के बीच उनके तथा उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर की अवैध नज़रबंदी ( detension  ) के संबंध में सीजेएम कोर्ट लखनऊ में धारा 156(3) सीआरपीसी में प्रार्थनापत्र देते हुए एफआईआर की मांग की है।

सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने थाना गोमतीनगर से 24 मई 2022 तक आख्या मांगी है।

अमिताभ ने कहा है कि जब वे और उनकी पत्नी 21 अगस्त को चुनाव प्रचार हेतु गोरखपुर निकले थे तो गोमतीनगर पुलिस ने उन्हें बिना अधिकार के वहां जाने से रोक लिया और उन लोगों को अपने विरामखंड स्थित आवास पर अवैध रूप से नज़रबंद कर दिया।

यह अवैध नज़रबंदी अमिताभ की 27 अगस्त को करीब 02.30 बजे घर से उठाने के समय समाप्त हुई।

अमिताभ ने यह भी आरोप लगाया कि जाँच अधिकारी डीजी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड राजकुमार विश्वकर्मा तथा एडीजी महिला सेल नीरा रावत ने 27 अगस्त को जानबूझ कर उन्हें फंसाने की बदनीयत के साथ कई सारी अनियमितताओं एवं त्रुटियों के साथ अंतरिम रिपोर्ट प्रेषित किया।

इस अंतरिम रिपोर्ट को शासन के अधिकारियों द्वारा समस्त निर्धारित प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए उसी दिन त्रुटिपूर्ण ढंग से आनन-फानन में अनुमोदित किया गया।

अमिताभ ने कहा कि ये सारा कार्य मात्र उन्हें टारगेट कर उन्हें फंसाने की नीयत से किया गया जिसमे अन्य सभी लोगों के खिलाफ लगे आरोपों को नज़रंदाज़ करते हुए जानबूझ कर केवल उन पर फोकस किया गया। अमिताभ ने इन सभी को विधिविरुद्ध कार्य बताते हुए एफआईआर की मांग की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button