Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना पर बड़ा फैसला
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। जिनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सेना की नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़ी सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केरल, पंजाब और हरियाणा, पटना और उत्तराखंड के हाईकोर्ट से भी अग्निपथ के खिलाफ सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए कहा है।
कई हाईकोर्ट में इस योजना को चुनौती दी गई –
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता न कहा कि कई हाईकोर्ट में इस योजना को चुनौती दी गई है. बेहतर होगा की सभी याचिकाओं की सुनवाई किसी एक जगह हो. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ अलग अलग हाईकोर्ट में 6 याचिकाएँ दायर हुई हैं जिसके बाद इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,”आप एक ट्रांसफर पीटिशन दायर करिए… हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे.”
आपको बता दें की केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
अग्निपथ योजना पर फिलहाल रोक नहीं –
वहीँ बात करें अग्निपथ योजना की तो फिलहाल इसपर रोक नहीं लगेगी और भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां 1 जुलाई से शुरू हो गई वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो चुकी है।
इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इसकी 2 साल आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।