#Budh Purnima 2022: भगवान बुद्ध के ये पांच उपदेश, मन में कराये शांति का प्रवेश !
बुद्ध पूर्णिमा पर भक्त मठों और मंदिरों में जाते हैं, गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को याद करते हैं, उनकी ये शिक्षा आपके जीवन को प्रदान करेगा शांति
बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जयंती के तौर पर हर जगह मनाई जाती है। यह दिन दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, यह आज यानी 16 मई को पुरे देश में मनाई जा रही है। हर साल, त्योहार की तारीख थोड़ी अलग होती है क्योंकि यह एशियाई चंद्र-सौर कैलेंडर (हिंदू कैलेंडर) पर निर्भर है। बुद्ध पूर्णिमा हिंदू महीने वैशाख में पूर्णिमा के दिन आती है। गौतम बुद्ध ने कई अहम सिख लोगो तक पहुंचे हैं। आज हम आपको बताएँगे उसकी कुछ सीख,
– खुशियां बांटने से बढ़ती हैं: भगवान बुद्ध ने कहा है कि खुशियां हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। यह वैसा ही है जैसे एक दीप से कई दीप जलाए जाएं, तो इससे उजाला तो बढ़ता है लेकिन जिस दीप से इतने दीप जलाए गए उसका प्रकाश भी कम नहीं होता है।
– क्रोध की आग सबसे पहले आपको ही जलाती है: क्रोधित रहना वैसा ही है, जैसा अपने हाथ में गर्म कोयला लेकर चलना क्योंकि क्रोध की आग सबसे पहले आपको ही जलाती है। लिहाजा क्रोध से बचें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।
– बुरे दोस्त से बचें: एक बुरा दोस्त जंगली जानवर से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि जानवर तो आपके शरीर को चोट पहुंचाएगा लेकिन बुरा दोस्त आपकी सोच-समझ को ही बुरा बना देगा। ऐसे दोस्तों की संगति से बचें।
– मन को अशांत करती है ईर्ष्या: आप को जो मिला है, उससे संतुष्ट रहें और उसके लिए भगवान के आभारी रहें। दूसरों को देखकर उनसे ईर्ष्या न करें। इससे मन हमेशा अशांत रहेगा और आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे। यह समझें कि खुशी चीजों से नहीं मिलती, वह आपके अंदर ही होती है।