Angarki Chaturthi 2022 : श्री गणेश की पूजा का महत्व, जानें क्या हैं मुहूर्त
भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से दोनों में अंगारकी संकष्टी चतुर्थी मनाते हैं, लेकिन यह त्योहार महाराष्ट्र राज्य में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी भारतीय त्योहारों में से एक हैं। अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा होती हैं। यह त्यौहार चतुर्थी कृष्ण पक्ष में आती है और चंद्रमा की घटती अवस्था होती तब इसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह त्योहार आमतौर पर गणेश भक्तों द्वारा धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व आज यानी 23 नवंबर को मनाया जा रहा है।
भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से दोनों में अंगारकी संकष्टी चतुर्थी मनाते हैं, लेकिन यह त्योहार महाराष्ट्र राज्य में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत करने से उन्हें साल भर संकष्टी (कठिनाई से मुक्ति) का फल मिलता है। भगवान गणेश के भक्त चतुर्थी के दिन उपवास रखते हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद अपना उपवास तोड़ते हैं। इस दिन को शुभ माना जाता है और भक्त अपने जीवन में बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान का आशीर्वाद मांगते हैं क्योंकि गणेश को बुद्धि के स्वामी के रूप में पूजा जाता है।
शुभ मुहूर्त :
वइसे तो इस पूरे सप्ताह चैत्र नवरात्रि मनाई जाएगी और मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाएगी, लेकिन आज गणेश भगवान को याद करने व उनकी उपासना करने का विशेष महत्व है। ना सिर्फ इससे गणपती बप्पा प्रसन्न होते हैं बल्कि माना जाता है कि मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। मान्यतानुसार अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 9 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक माना जा रहा है।