#दानिश सिद्द्की : हकीकत दिखाने में कुर्बान हो गया था ये जांबाज ” भारतीय कैमरामैन ” !
देश के जामिया मिलिया से 2007 में मास कम्युनिकेशन करने वाले ' दानिश सिद्द्गी ' भी इसी बात का एक उदाहरण
आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी डे मना रहा है। इस दिन को मनाने की आधिकारिक मान्यता 1839 को दी गयी थी। लेकिन क्या आपको पता है जितना आसान व मनमोहक किसी फोटो को फ्रेम में देखने में लगता है। हकीकत में वो एक छायाकार ( Cameraman ) के द्वारा ली गयी व संजोई गयी फोटो में सबसे मुश्किल होता है। छायाकार उन लम्हों व दृश्यों को अपने कैमरे के जरिए हकीकत को वास्तविकता का रूप देता है।
सच्चाई से रूबरू करवाने में उसकी जान चली गई
लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है कि सच्चाई से रूबरू करवाने में उसकी जान भी चली जाती है। आज हम आपको ऐसे ही छायाकार ( Cameraman ) के बारे में बताने जा रहे है। जिसने अफगानिस्तान व तालिबान के युद्ध को वास्तविकता का रूप देने में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। देश के जामिया मिलिया से 2007 में मास कम्युनिकेशन करने वाले ‘ दानिश सिद्द्गी ‘ भी इसी बात का एक उदाहरण है।
कोरोनाकाल की हकीकत को सबके सामने रखा
देश के इस जाबाज पत्रकार ने भारत के कई मुद्दों पर अपने द्वारा ली गयी तश्वीरों के जरिए हकीकत को सबके सामने पेश किया।
मॉब लीचिंग, पलायन, दिल्ली गोलीकांड के साथ सबसे अहम कोरोनाकाल की हकीकत को सबके सामने रखा।
मुंबई में रहकर काम करने वाले सिद्दीकी को रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी के फोटोग्राफी स्टाफ का हिस्सा होने के नाते ‘पुलित्जर पुरस्कार’ से नवाजा गया था।
दानिश को मिलाकर यह संख्या 54
अपनी मेहनत व लगन से कम समय में ही पत्रकारिता जगत में नाम कमाने वाले इस पत्रकार की जरुरत शायद उपरवाले को भी पड़ गयी थी। साल 2021 को कंधार में अफगान सैनिकों के साथ गोलीबारी के दौरान तालिबानी आतंकियों द्वारा उन्हें बेरहमी से मार दिया गया। उस समय कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में वर्ष 1992 से 2021 तक 53 पत्रकारों की हत्या हो चुकी थी। दानिश को मिलाकर यह संख्या 54 हो गयी थी।
दिल दुखाने वाली त्रासदी बताया
इस घटना को लेकर पूरी दुनिया के पत्रकार संघ में गुस्से की लहार दौड़ गई थी। साथ ही देश व विदेश की सरकारों में भी इसको लेकर आक्रोश व्याप्त हो गया था। उस समय के अफगानिस्तान में अमेरिकी उपराजदूत रोज विल्सन ने दानिश की हत्या की खबर को दुखद और दिल दुखाने वाली त्रासदी बताया। साथ ही पूर्ण युद्धबंदी की मांग भी की।
तो वहीं देश के तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि दानिश अपने पीछे असाधारण काम को अंजाम देकर गए हैं। उन्होंने दानिश की एक तस्वीर भी साझा की थी।