400 होमगार्ड संभालेंगे रिम्स की सुरक्षा, हटेंगे निजी सुरक्षाकर्मी !

रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने रिम्स में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि रिम्स में कई वर्षों से...

रिपोर्ट – गौरव कुमार

रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने रिम्स में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने जानकारी दी कि रिम्स में कई वर्षों से सुरक्षा, किचन, मैनपावर और सफाई का जिम्मा कई सालों से अवैध रुप से बिना टेंडर के चल रहा था। हमने सभी के लिए टेंडर निकालकर एल वन के आधार पर एजेंसियों का चयन कर उन्हें जिम्मेवारी सौंपी है। सरकार के आदेश के अनुसार किसी भी निजी एजेंसी से सुरक्षा सेवा नहीं लिया जाना है। इसी के आधार पर रिम्स के सुरक्षा की जिम्मेवारी होमगार्ड को सौंपी जाएगी।

निदेशक ने बताया कि डीजी होमगार्ड ने इस संबंध में पत्र भी निर्गत कर दिया है। मतलब जल्द ही बीस सालों से अधिक समय से रिम्स की सुरक्षा में काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों की जगह होमगार्ड के जवान लेंगे। इसके लिए रिम्स ने 400 होमगार्ड की मांग की है। उन्होंने बताया कि 2013 से तीन साल के लिए ही एवरेस्ट ह्युमन रिर्सोस कंसल्टेंट कंपनी को कार्यादेश दिया गया था। 2016 में ही कांट्रैक्ट खत्म हो गया था। जिसके बाद 2017 में नए टेंडर प्रक्रिया के तहत मेसर्स विमला इंटरप्राइजेज को एल वन के आधार पर चयनित किया गयाथा। पर एक दिन काम करा कर ही हटा दिया गया। उसके बाद से कंपनी अवैध रूप से बिना किसी टेंडर के काम कर रही है।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बिना रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता: निदेशक

आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट के बिना 2171 बेड वाले रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रिम्स और एम्स में बेडों की संख्या लगभग बराबर है। पर एम्स में जहां करीब पांच हजार स्टॉफ काम करते हैं वहीं रिम्स में इसके आधे भी नहीं है। ऐसे में रिम्स को एम्स नहीं बनाया जा सकता।

रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के नाम पर एक भी स्टॉफ नहीं है। एडमिनिस्ट्रेटिव अफसरों की भारी कमी है। इसलिए कई बार रिम्स के लिए हुए निर्णयों की एक्शन टेकेन रिपोर्ट नहीं बन पाती। इस कारण कई काम पेंडिंग भी हो जाते हैं। उन्हेांने कह कि मै झारझंडी हूं इसलिए रिम्स का भलाई चाहता हूं। दिल्ली जाता हूं ताकि वहां की व्यवस्था को समझते हुए यहां बेहतर करने का प्रयास कर रहा हूं। स्टॉफ की संख्या को बढ़ाया जा सके। इसके लिए विभाग को मानवबल के सृजन से संबधित कागजात स्वास्थ्य विभाग को भेजा जा चुका है। मानव बल के सृजन से

नहीं होगी रिएजेंट की कमी

प्रेस वार्ता के दौरान रिम्स के निदेशक ने बताया कि लगातार हो रही रिएजेंट के कमी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। इसके लिए रेंटल बेसिस पर दस सालों के लिए पैथोलॉजिकल सेवा प्रारंभ की जानी है इसके लिए निविदा निकाली जा चुकी है। इसके लिए कंपनी का चयन कर जल्द ही इसे शुरु कर दिया जाएगा ताकि गरीब मरीजों को बिना किसी व्यवधान के जांच की सुविधा मिल सके। उन्होंने बताया कि दस साल पूरा कर चुके मशीनों को हटाकर उनके स्थान पर रिएजेंट बेसिस पर चयनित कंपनियों के मशीनों को हटाया जाएगा।

जनवरी में शुरु हो जाएगी अमृत फार्मेसी

रिम्स परिसर में मरीजों को सस्ती और जल्दी दवा उपलब्ध कराने के लिए अमृत फॉर्मेसी की शुरुआत की जाएगी। इसकी शुरुआत के लिए एचएलएस कंपनी के साथ अनुबंध कर लिया गया है। पुरानी इमरजेंसी के पास मौजूद केंद्र में अमृत फार्मेसी की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी मरीजों को सस्ते दरों पर जेनरिक दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधी केंद्र की स्थापना भी की गई है।

क्रिटिकल केयर डीएम कोर्स की होगी शुरुआत

प्रेस वार्ता के दौरान निदेशक ने बताया कि जल्द ही डीएम क्रिटिकल केयर कोर्स की शुरुआत की जाएगी। दो सीटों की मान्यता मिल चुकी है। इसके अलावा न्यूरोलॉजी में भी डीएम कोर्स की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द ही रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स की शुरुआत की जाएगी।

270 नवनियुक्त नर्सों ने दिया योगदान, 640 हुई नर्सों की संख्या

बता दें कि रिम्स में हाल ही में नवनियुक्त करीब 270 नर्सों ने योगदान दिया है। जिसके बाद नर्सों की संख्या बढ़कर करीब 640 हो गई है। उन्होंन बताया कि शेष 100 और नर्सें भी जल्द ही योगदान देंगी। बता दें कि नर्सों के सृजित पदों की संख्या कुल 845 है। उन्होंने बताया कि जल्द ही नर्सों के अलावा अन्य विभिन्न जरुरी पदों का सृजन कर उनमे बहाली का प्रयास किया जाएगा। ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके। गरीब मरीज परेशान नहीं हूं।

नए भवन के निमार्ण की जल्द होगी शुरुआत

सुरपस्पेशलिटी भवन के का विस्तार एवं मातृ शिशु रोग अस्पताल के और पुराने अस्पताल के जिर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए झारखंड राज्य भवन निमार्ण निगम लिमिटेड को विस्तृत प्राक्कलन उपलब्ध करा दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि एकेडमिक और विश्राम गृह का काम पूरा हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री के माध्यम से सीएम से उद्घाटन के लिए समय मांगा गया है। जल्दी ही इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा।

इन उपलब्धियों की दी जानकारी

किडनी डायलिसिस यूनिट के स्थापना के लिए निविदा के माध्यम से एजेंसी चयनित ट्रामा सेंटर के लिए 256 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन और रेडियोलॉजी विभाग में 128 स्लाइस सिटी स्कैन मशीन के साथ अल्ट्रासाउंड मशीन लगाया गया

कार्डियोलॉजी विभाग में सिंगल प्लेन, बाइप्लेन, कैथलैब के साथ दो इको मशीन लगाया गया है। कोविड मरीजों के संक्रमण के जांच के लिए बीएसएल टू लैब बनाया गया है।

 

 

 

 

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