#INTERNATIONAL SEX WORKERS DAY : दो जून को ही क्यों मनाया जाता हैं ‘काली रोटी’ वाला ‘सफ़ेद दिवस’ ?
फिल्म गंगुबाई में आलिया भट्ट का डायलॉग है कि हमारे बिना तो स्वर्ग भी नहीं चलता। पौराणिक कथाओं और किवदंतीयों ने भी यही कहा की स्वर्ग में इन्हें मनोरंजन का एक जरिया माना गया।
फिल्म गंगुबाई में आलिया भट्ट का डायलॉग है कि हमारे बिना तो स्वर्ग भी नहीं चलता। पौराणिक कथाओं और किवदंतीयों ने भी यही कहा की स्वर्ग में इन्हें मनोरंजन का एक जरिया माना गया। मुगलों के सम्राज्य में भी इनकी उपस्थिति और लगभग हर राज दरबार में भी है। स्वर्ग से लेकर आजतक जिन्होंने दुसरों की खुशियों के अपना तन और मन समर्पित किया उन्हें वैश्या यौनकर्मी, प्रॉस्टिट्यूट, सेक्सवर्कर और न जाने किन किन नामों से पुकारा जाता है। दोस्तों के बीच इन नामों को तेजी से तो वहीं परिवार और भरे समाज में बेहद धीमी आवाज में बुलाया जाता है , इसलिए क्योंकि अगर किसी ने सुन लिया तो बेइज्जती हो जाएगी.. बंद कमरे में जिनकी यौवन को खरीदकर खुद को खुश करने वाले लोग जिनका नाम भी लेने में बे-इज्जत होता महसूस करते हैं। ऐसी ही यौनकर्मियों को समर्पित है 2 जून का ये दिन। भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस दिन सेक्स वर्कर्स यानी यौनकर्मियों के अधिकारों के बारे में जागरुकता फैलाने और उन्हें सम्मान दिलाने के हवाई वादों के साथ इंटरनेशनल Sex Workers Day यानी कि अंतराष्ट्रीय यौनकर्मी दिन माह पर पूछने में शर्म आती होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा वेश्यावृत्ति भी एक प्रोफेशन है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा सेक्स वर्कर भी इसी देश और समाज का हिस्सा है उनसे संवेदनशीलता से पुलिस पेश ऐ बेवजह उन्हें परेशान न किया जाये सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्क को पेशा माना है। कोर्ट ने कहा है कि “वेश्यावृत्ति भी एक प्रोफेशन है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया है कि सेक्स वर्कर्स के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”
वेश्यालय चलाना गैरकानूनी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,सेक्स वर्कर्स भी देश के नागरिक हैं। वे भी कानून में समान संरक्षण के हकदार हैं। बेंच ने कहा, इस देश के हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला है। अगर पुलिस को किसी वजह से उनके घर पर छापेमारी करनी भी पड़ती है तो सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार या परेशान न करे। अपनी मर्जी से प्रॉस्टीट्यूट बनना अवैध नहीं है, सिर्फ वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है।
कोर्ट ने कहा कि “महिला सेक्स वर्कर है, सिर्फ इसलिए उसके बच्चे को मां से अलग नहीं किया जा सकता। अगर बच्चा वेश्यालय या सेक्स वर्कर के साथ रहता है इससे यह साबित नहीं होता कि वह बच्चा तस्करी कर लाया गया है।”