# ट्विन टावर : 10 साल पहले न्याय की गई गुहार, 12 सेकंड में होगी पूरी !
कल दोपहर 2.30 बजे एक बटन दबाते ही ट्विन टावरों को गिरा दिया जाएगा, नष्ट करने के लिए 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया
नोएडा में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को 28 अगस्त को 12 सेकेंड में गिरा दिया जाएगा। ऐसा देश में पहली बार होने जा रहा है। दोपहर 2.30 बजे एक बटन दबाते ही ट्विन टावरों को गिरा दिया जाएगा। इन्हें नष्ट करने के लिए करीब 9640 छेदों में 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कल ठीक अपने समयानुसार कार्यवाही की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन टावरों को गिराने का काम चल रहा है।
ये है प्रमुख वजह !
सेक्टर 93A सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बने ट्विन टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नेशनल बिल्डिंग कोड के मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए ध्वस्त किया जा रहा है। सुपरटेक बिल्डर ने पहले खरीदारों से कहा था कि ट्विन टावरों को एक हरे रंग की जगह से बदल दिया जाएगा। एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में खरीदारों ने सुविधा को देखते हुए फ्लैट बुक कर लिए। लेकिन बाद में बिल्डर ने नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी की मिलीभगत से नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन कर यहां दो टावर लगवाए। तो वहीँ नियमो के अनुसार टावर के बीच की दूरी 16 मीटर होनी चाहिए। लेकिन इनका निर्माण करते समय यहां पर सिर्फ 9 मीटर जगह छोड़ी गई।
जानिए क्या कहा कोर्ट ने ?
दरअसल इन टावरों को निर्माण शर्तों का उल्लंघन कर बनाया गया था। नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित 40 मंजिला ट्विन टावरों का निर्माण 2009 में किया गया था। दोनों सुपरटेक टावरों में 950 से अधिक फ्लैट बनाए जाने थे। हालांकि, कई खरीदारों ने 2012 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इमारत की योजना में बदलाव किया गया है। इसमें 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। उनमें से 248 ने वापस ले लिया है, 133 अन्य परियोजनाओं में स्थानांतरित हो गए हैं, लेकिन 252 अभी भी निवेशित हैं। 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए ट्विन टावर्स को अवैध घोषित करते हुए इन्हें गिराने का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गिराने का आदेश दिया था।
फ्लैट खरीदारों का क्या होगा ?
कोर्ट ने अपने फैसले में फ्लैट खरीदारों का भी ध्यान रखा है। अदालत ने बिल्डर को दो महीने के भीतर ट्विन टावरों में फ्लैट खरीदारों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पूरी राशि वापस करने का निर्देश दिया। साथ ही बिल्डर को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपये देने का भी निर्देश दिया। मार्च 2022 में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने सुपरटेक कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया। कंपनी पर करीब 1200 करोड़ रुपये का कर्ज है।