लखनऊ में शिक्षक अभ्यर्थि पहुंचे भूपेंद्र सिंह चौधरी के आवास ,की नियुक्ति पत्र की मांग !
69000 शिक्षक भर्ती के तहत चयनित 6800 अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रहे इस प्रदर्शन में रविवार 19 नवंबर को अभ्यर्थियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के आवास का घेराव किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी कर हुंकार भरी।
लोक सभा चुनाव 2024 नजदीक है , आए दिन अलग अलग पार्टी अपना चुनावी प्रचार प्रसार करती नज़र आरही है। वही 6800 अभ्यर्थियों का आंदोलन रुकने का नाम ही नहीं ले रहा चाहे दिन त्यौहार हो या सर्दी की ठंडी हवा , इस प्रदर्शन पर सरकार की तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा। 69000 शिक्षक भर्ती के तहत चयनित 6800 अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रहे इस प्रदर्शन में रविवार 19 नवंबर को अभ्यर्थियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के आवास का घेराव किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी कर हुंकार भरी।
राज्यपाल कश्यप और नेहा यादव ने अभ्यर्थियों से कि मुलाकात
प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने अभ्यर्थियों को हटाने का प्रयास किया तो अभ्यर्थियों ने गुस्से में आकर नारेबाजी और तेज कर दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों और अभ्यर्थियों के बीच हल्की झड़प भी देखने को मिली। पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती अभ्यर्थियों को बस में बैठाकर इको गार्डन वापिस भेज दिया। सभी अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर धरना स्थल पर डटे हुए हैं। दोपहर बाद समाजवादी पार्टी के पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राज्यपाल कश्यप और नेहा यादव ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर उन्हें हौसला दिलाया। उन्होंने अभ्यर्थियों की मांग को जायज बताते हुए उनके आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला भारतीय जनता पार्टी के आरक्षण विरोधी मानसिकता का एक उदाहरण है बीजेपी सरकार कभी नहीं चाहती कि पिछड़े वर्ग के लोग आगे बढ़ सके इसीलिए अभी तक सर्कार की तरफ से कोई भी परिणाम सामने नहीं आ रहे है।
योगी आदित्यनाथ का वादा निकला जूठा
प्रदर्शन पर बैठे व नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने अपने बयान में बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। इसे लेकर आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुरे मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने के लिए आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के बाद 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की लेकिन अभी तक इन अभियर्थियों को कोई भी न्याय नहीं मिल सका। तब से लेकर आज तक नियुक्ति पाने के लिए आरक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी मांग है की सरकार इस मामले का समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक देते हुए उनकी नियुक्ति करें।
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