NCERT की पाठ्यपुस्तकों में गीता, वेद को शामिल करेगी मोदी सरकार !
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब बच्चों को श्रीमद्भगवद्गीता का...
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब बच्चों को श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, श्रीमद भगवद गीता के श्लोक और संदर्भ एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किए जाएंगे। देश की शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी है। दरअसल, केंद्र सरकार चाहती है कि छात्र भारतीय संस्कृति के बारे में जानें। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अन्नपूर्णा देवी ने इस संबंध में बताया है कि छठी और सातवीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताबों में वेदों का ज्ञान और श्रीमद् भगवद गीता का संदर्भ शामिल किया जाएगा। वहीं, संस्कृत के इन शास्त्रों के श्लोक 11वीं और 12वीं की पाठ्य पुस्तकों में जोड़े जाएंगे। अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि श्रीमद्भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय राज्य, विभाग और केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न मंत्रालयों से मिले इनपुट के आधार पर लिया गया है। एनसीईआरटी ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय से बच्चे भारतीय संस्कृति के बारे में जान सकेंगे।
अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का पैरा 4.27 भारत के पारंपरिक ज्ञान से संबंधित है, जिसमें सभी के कल्याण का प्रयास है। इसके साथ ही शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा, ‘अगर हमें इस सदी में ज्ञान की शक्ति बनना है, तो हमें अपनी विरासत को समझना होगा और दुनिया को ‘भारतीय काम करने के तरीके’ के बारे में बताना होगा।’
स्कूल में गीता पढ़ाने का कांग्रेस ने किया विरोध:-
वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पाठ्य पुस्तकों में श्रीमद भगवद गीता को शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की है. उनका कहना है कि बीजेपी शिक्षा व्यवस्था का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि यदि भाजपा श्रीमद भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल कर रही है, तो उसे अन्य धर्मों की पुस्तकों पर भी विचार करना चाहिए।
गुमनाम क्रांतिकारियों की कहानियां भी होंगी शामिल:-
आपको बता दें कि बच्चों को भारतीय संस्कृति और विरासत से अवगत कराने के लिए संसदीय पैनल ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पूर्वोत्तर के ‘गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों’ की कहानियों को भी एनसीईआरटी में शामिल करने की सिफारिश की थी। संसदीय पैनल ने कहा कि छात्रों को भारत के समृद्ध इतिहास को जानने में सक्षम बनाने के लिए स्कूली पाठ्यपुस्तकों में स्वतंत्रता सेनानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
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