# खुलासा : ‘लोन, बेज्जती और तकरार……’ की वजह से JE परिवार ने की थी आत्महत्या, सुसाइड नोट आया सामने !
लगातार प्रताड़ना का शिकार हो रहा था परिवार, जिसके बाद नलकूप विभाग में जेई शैलेन्द्र ने उठाया था ये भयावह कदम
लखनऊ : ” ये उन सारे लोगों के नाम हैं जो हमारा और हमारे परिवार का पिछले 3 साल से जीना मुश्किल किए हैं। पर अब नहीं जिया जाता, इन सबकी बदतमीजियों से परेशान हैं। इसलिए हम और हमारा परिवार अपने आपको खत्म करने पर मजबूर है। हमारे नहीं रहने पर इन सबको हमारे पूरे परिवार की मौत का जिम्मेदार समझा जाए। “
मामला रुपए का लेनदेन और धमकियों से जुड़ा
ये बातें, लखनऊ के JE शैलेंद्र कुमार के सुसाइड नोट की हैं। बुधवार को जानकीपुरम के अपने घर में उन्होंने, पत्नी गीता और बेटी प्राची के साथ जहर खा लिया। इन्होंने मौत को क्यों चुना ? ये गुत्थी चंद घंटों में सुलझ गई। कमरे से बरामद सुसाइड नोट में कुछ नाम लिखे हुए पुलिस को मिले है। पूरा मामला प्रॉपर्टी, रुपए का लेनदेन और धमकियों से जुड़ा हुआ है।
बाइट : सैयद काशिम आब्दी, डीसीपी उत्तरी, लखनऊ
सुसाइड नोट में 4 लोगों के नाम लिखे
शैलेंद्र नलकूप विभाग में जेई थे। जानकीपुरम में उन्होंने मकान बनवाया था। परिवार में पत्नी गीता, बेटी प्राची और एक बेटा था। 4 साल पहले उनकी जिंदगी में दिक्कतें शुरू हुई। उन्होंने प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट शुरू किया था। मगर, शुरुआती दौर में धोखा मिलने के बाद कर्ज में फंसते चले गए। उन्होंने सुसाइड नोट में 4 लोगों के नाम लिखे हैं।
लड़की को बाउंड्रीवॉल से कूदकर अंदर भेजा
पुलिस के मुताबिक जेई शैलेंद्र कुमार ने बुधवार सुबह पड़ोसी जगन्नाथ प्रसाद को फोन किया। कहा, सब कुछ खत्म हो गया है, आज मेरा आखिरी दिन है। इस कॉल के बाद जगन्नाथ घबरा गए, वो खुद घर पर नहीं थे। उन्होंने अपने पड़ोसी को शैलेंद्र के घर भेजा, वहां दरवाजा अंदर से बंद था। एक लड़की को बाउंड्रीवॉल से कूदकर अंदर भेजा गया, अंदर भी दरवाजे बंद थे इसलिए पुलिस को खबर दी गई।
2 घंटे तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया
पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई। घर के अंदर शैलेंद्र, गीता और प्राची बेसुध मिले। पुलिस उन्हें ट्रामा सेंटर लेकर पहुंची। यहां पहुंचने से पहले ही शैलेंद्र और प्राची की सांस टूट चुकी थी। गीता ने करीब 2 घंटे तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया, मगर उन्हें भी बचाया नहीं जा सका।