अनुमति लिए बगैर मदरसों की जांच में जुटे अधिकारी, जिसके पढाई में पड़ रहा असर !
देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के संवैधानिक रूप से अधिकारों की रक्षा के लिए हर साल 18 दिसंबर को भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है
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देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के संवैधानिक रूप से अधिकारों की रक्षा के लिए हर साल 18 दिसंबर को भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है वहीँ अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह को पत्र लिख नाराज़गी जाहिर की है जिसमे उन्होंने बताया कि अधिकारी उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से अनुमति लिए बगैर मदरसों कि जांच में जुटे हुए है जिसे मदरसो की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह को पत्र लिख बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण के आदेश से बिना मदरसों की जांच की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई। साथ ही उनका कहना था कि जांच की कार्यवाही को रोकने हेतु उन्हें मौखिक आदेश भी दिया। जिसके बाद भी उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की कार्यवाही को रोकने हेतु जनपदों को कोई आदेश जारी नहीं किए गए जिसके कारण संपूर्ण प्रदेश के जनपदीय अधिकारियों के बीच में असमंजस / असहजता की स्थिति पैदा हो गई है।
जाँच की वजह से हो रही परेशानी
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का कहना है कि 13 फरवरी से मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होनी है पर जांच से अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है। जिसकी वजह से संपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही है। साथ ही डॉ. इफ्तिखार अहमद का कहना है कि 2017 से मदरसों की जांच तीन बार हो चुकी है ,उसके बावजूद अगर चौथी बार जांच करना आवश्यक है तो वार्षिक परीक्षा के बाद जांच करें।परीक्षा के समय जांच को स्थगित करना अत्यंत आवश्यक है।
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