Azamgarh By Election Result: निरहुआ ने साइकिल को दी मात, जनता के दिलों में छोड़ी छाप !

आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया है। आजमगढ़ से बीजेपी के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' चुनाव जीत गए हैं

आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया है। आजमगढ़ से बीजेपी के दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ चुनाव जीत गए हैं और सपा के धमेंद्र यादव 10 हजार वोटों से चुनाव हार गए हैं।

चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निरहुआ ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘जनता की जीत! आजमगढ़वासियों आपने कमाल कर दिया है। यह आपकी जीत है। उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही जिस तरीके से आप सबने भाजपा को प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया, यह उसकी जीत है। यह जीत आपके भरोसे और देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत को समर्पित है।’

मुख्यमंत्री ने दी जीत की जानकारी

सपा के गढ़ आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने जीत हासिल की है। भोजपुरी अभिनेता ने खुद ट्वीट कर उपचुनाव में भाजपा और उनकी जीत का दावा किया है। निरहुआ ने उपचुनाव जीत को लेकर ट्वीट किया कि यह पार्टी के लोगों और कार्यकर्ताओं की जीत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामपुर और आजमगढ़ में भाजपा की जीत की जानकारी दी है। सीएम ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ और घनश्याम लोधी को जीत की बधाई दी है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी निरहुआ को जीत की बधाई दी है। आधिकारिक परिणाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं।

सपा और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर

आजमगढ़ में जब नतीजे आना शुरु हुए तो बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी। सपा कैंडीडेट धमेंद्र यादव ने निरहुआ को कड़ी टक्कर दी। हालांकि बसपा के गुड्‌डू जमाली भी बाकी कैंडीडेट्स को टक्कर देते दिखे और तीसरे स्थान पर रहे। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव करीब 60 फीसदी वोट प्रतिशत पर अपना कब्जा जमा चुके थे। ऐसे में ये चुनाव सपा के लिए चिंता का विषय है। जबकि पिछले चुनाव में निरहुआ को केवल 35 फीसदी वोट मिले थे और इस बार उन्होंने चुनाव जीत लिया।

पिछले चुनाव में अखिलेश ने किया था मायावती के साथ गठबंधन

पिछले चुनाव में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। ऐसे में अखिलेश की जीत का प्रतिशत पिछले चुनाव में काफी बड़ा था। लेकिन इस बार के चुनाव में बीएसपी ने अपना अलग कैंडीडेट खड़ा किया, जिससे सपा और बसपा के वोट प्रतिशत पर भी असर पड़ा है। जहां एक तरफ बसपा पहले से काफी मजबूत स्थिति में दिखी, वहीं सपा के लिए ये चिंतन का समय है। इसके अलावा बीजेपी के लिए ये उपचुनाव काफी फायदेमंद साबित हुए है क्योंकि उसने रामपुर और आजमगढ़, दोनों जगह कमल खिला दिया है।

 

 

 

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