गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने दी ज़मानत, जेल से बाहर आएगा मुख्तार ?
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की सांसद/विधायक अदालत ने बुधवार को हत्या के प्रयास के मामले में बरी कर दिया।

गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की सांसद/विधायक अदालत ने बुधवार को हत्या के प्रयास के मामले में बरी कर दिया। हालाँकि, इस मामले में बरी होने से मुख्तार को जेल से बाहर आने में मदद नहीं मिलेगी क्योंकि उसके खिलाफ कई अन्य मामले लंबित हैं।
यह मामला 2009 का है जब एक मीर हसन ने सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था और पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी को आईपीसी की धारा 120 बी के तहत साजिशकर्ता के रूप में नामित किया था। उस समय अंसारी पहले से ही जेल में बंद था। मुख्य आरोपी सोनू यादव को भी बरी कर दिया गया है।
6 मई को पेश की गईं थी अंतिम दलीलें
मामले में अंतिम दलीलें 6 मई को पेश की गईं और अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 17 मई की तारीख तय की। एमपी-एमएलए कोर्ट के जस्टिस दुर्गेश ने हत्या की साजिश मामले में मुख्तार अंसारी को बरी करते हुए आज फैसला सुनाया।
इससे पहले अप्रैल में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या मामले में जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजल अंसार ने 2005 में गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की कथित तौर पर हत्या कर दी थी।
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