ऐसी धाकड़ है : ‘नेल पॉलिश’ की जगह ‘बॉक्सिंग ग्लब्स’ को चुना !
13 वर्ष की आयु में नकारात्मक सामाजिक मानसिकता को दरकिनार करते हुए देश का सर विश्व पटल पर ऊँचा करवाया
कल खेल के क्षेत्र में भारत के लिए गौरवमई पल रहा। जब अंतर्राष्टीय महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में देश की बहादुर बिटिया ने गोल्ड पर पंच मारा।
जी हाँ हम बात कर रहे है भारत की महिला बॉक्सर निखत जरीन ( Nikhat Zareen ) की। जिन्होंने 13 वर्ष की आयु में नकारात्मक सामाजिक मानसिकता को दरकिनार करते हुए देश का सर विश्व पटल पर ऊँचा करवाया।
महिला मुक्केबाजों को प्रतिस्पर्धा करते नहीं देखा गया था
अपने चाचा समसमुद्दीन के बेटों एतेशामुद्दीन और इतिशामुद्दनी के मुक्केबाज होने के कारण युवा निखत को अपने परिवार के दायरे से बाहर प्रेरणा की तलाश नहीं करनी पड़ी। उनके पिता ने अपनी बेटी को एक ऐसे खेल में प्रवेश करने से हतोत्साहित नहीं किया | जिसमें 2000 के दशक के अंत में कई महिला मुक्केबाजों को निजामाबाद या हैदराबाद में प्रतिस्पर्धा करते नहीं देखा गया था।
जीतने वाली चौथी महिला मुक्केबाज बनीं
निखत जरीन अब भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी के बाद विश्व खिताब जीतने वाली चौथी महिला मुक्केबाज बनीं है। निखत जरीन का स्वर्ण पदक 52 किग्रा वर्ग में आया है। जिसमें उन्होंने थाईलैंड की जुतामास जितपोंग से मायावी ट्रॉफी जीतने की चुनौती को पार किया।
मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़
उन्होंने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि ‘ यह सब मेरे माता-पिता के समर्थन के कारण संभव हुआ। क्योंकि वे कठिन समय में मेरे साथ खड़े थे। मेरी चोट ने मुझे मजबूत बनाया। मैंने पिछले 2 वर्षों में अपनी कमजोरियों पर काम करते हुए लड़ने और न छोड़ने का फैसला किया।
भारत, यह आपके लिए
उन्होंने ट्वीट कर अपने यादगार क्षणों को साझा किया है। उन्होंने लिखा है कि ” यह अंत में यहाँ है। वर्षों की मेहनत और लगन की पराकाष्ठा। भारत, यह आपके लिए है। हमने इसे एक साथ किया ”
𝟐𝟎𝟐𝟐 𝐖𝐎𝐑𝐋𝐃 𝐂𝐇𝐀𝐌𝐏𝐈𝐎𝐍! 🥇
It's finally here. The culmination of years of hardwork and perseverance. India, this one's for you. We did it, together🔥#WorldBoxingChampionship#IBAWWC2022 🥊🥇🇮🇳 pic.twitter.com/JK5yhxblTy
— Nikhat Zareen (@nikhat_zareen) May 20, 2022