मुस्लिम की दहलीज़ से हिन्दू बेटी की विदाई !
जब एक हिन्दू बेटी की शादी के लिए मुस्लिम परिवार आया सामने, शादी की रात हिन्दू-मुस्लिम महिलाए ने मिलकर देर रात तक गाए मंगल गीत
देश के विभिन्न कोनों मे जहां सांप्रदायिक घटनाएं देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करती हैं | वहीं दूसरी ओर आपसी सौहार्द के कुछ ऐसे वाकए भी सामने आते हैं जो लोगों को मिलजुल कर रहने की सीख देते हैं।
https://youtu.be/CvZT24Semkc
आजमगढ़ जिले से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जो एक मिसाल पेश करती है।
शहर के एलवल मोहल्ले के रहने वाले राजेश चौरसिया पान की दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते है। उनकी बहन शीला के पति की दो वर्ष पूर्व कोरोना काल में मौत हो गयी। जिसके बाद राजेश चौरसिया ने अपनी भांजी की शादी ( marriage ) करने की ठान लिया। उन्होने बगल के रहने वाले परवेज से भांजी की शादी के लिए मंडप लगाने की बात कही। यह सुनते ही परवेज ने एक और इबारत लिखी। परवेज के घर के आंगन में मंडप गड़ा और शुरू हो गया मंगल गीत।
बाइट:- लड़की की मां
सुबह बारात विदा होने से पहले खिचड़ी रस्म शुरू हुई तो राजेश ने अपनी सामर्थ के अनुसार वर पक्ष को खुश किया, तो इसी रस्म पर राजेश के पड़ोसी परवेज ने वर के गले मे सोने की चैन पहनाई तो शादी रस्म में चार चांद लग गया। और फिर बारात वधू को लेकर वापस लौट गयी।
बाइट:- परवेज की पत्नी
परवेज की पत्नी ने बताया कि पूजा की मां बचपन से ही उनके घर पर रही और वे उनके परिवार के सदस्य के रूप में रही। उन्होने कहा कि रमजान के महिने में हमने अपने घर पूजा कराई इसका हमे कोई सिकवा नहीं है। बल्कि खुशी है कि हमने एक बेटी की शादी धूमधाम से की। धर्म सबका अलग-अलग भले हो लेकिन हमने इंसानियत निभाई है।