डिजिटल भारत में ग्रामीण होंगे डिजिटल, अब मोबाइल पर होगा ग्रामीणों का बैंक
इंटरनेट बैंकिंग से ग्रामीणों (villagers) को जोड़ने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने इसको सरल बनाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही लेनेदेन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पोस्ट ऑफिस और बैंकों को आपस में जोड़ा जाएगा।
2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन
गावों वालो को सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन होगा। निजी टेलीकॉम कंपनियां 5जी सेवाएं शुरू कर सकेंगी।
6,000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान
गांववासियों को सस्ती ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए भारतनेट प्रोजेक्ट के लिए 6,000 करोड़ रुपये बजट देने का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट को अक्टूबर 2011 में शुरू किया गया था। जिसका मकसद लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेंड कनेक्टिविटी से जोड़ना था।
2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेंड से जोड़ना मकसद
अक्टूबर 2011 में नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क के नाम शुरू किया गया था। साल 2015 में इस प्रोजेक्ट का नाम बदल कर भारत नेट रख दिया गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को 100 MBPS स्पीड के इंटरनेट के जरिए जोड़ना था। इसके लिए राज्य और निजी क्षेत्रों के साथ साझेदारी करके ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में नागरिकों या लोगों को सस्ती इंटरनेट सेवाएं देने की कोशिश की जा रही है।
देश में 1 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों ऑप्टिकल फाइबर से लैस
जनवरी, 2018 में इस योजना काम पहला फेस पूरा कर लिया गया था। जिसके अंतर्गत देश में 1 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछा दिया गया। सरकार को उम्मीद है कि भारत नेट परियोजना के दूसरे फेज मेंलगभग 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी।