पुत्र मोह में नहीं फंसी भाजपा, ऐसे किया सीटों का बंटवारा
बीजेपी ने नहीं रखा हाथ
- मयंक जोशी की जगह बृजेश पाठक को मिला टिकट
- दिलीप दीक्षित को नहीं अनिल सिंह को दिया टिकट
- गोविंद नगर सीट से अनूप पचौरी की नहीं बनी बात
- राजेश अग्रवाल के बेटे आशीष अग्रवाल पर भी नहीं रखा बीजेपी ने हाथ
- कलराज मिश्रा के बेटे का भी टूटा सपना
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)के कई बड़े नेता अपने बच्चों को विरासत में राजनीति देना चाहते थे लिहाजा उन्होंने विधानसभा चुनाव 2022 में अपने बेटो के लिए पार्टी से टिकट मांग लिया था। रीता बहुगुणा जोशी और स्वामी प्रसाद मौर्य की नाराजगी की वजह भी उनके बेटे को टिकट न मिलना था। लेकिन बीजेपी ने परिवारवाद में उलझे बिना ही इन सीटों का बंटवारा कर दिया है और बीजेपी के कई बड़े नेताओं के बच्चों को टिकट नहीं दिया।
मयंक जोशी की जगह बृजेश पाठक को मिला टिकट
बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से बेटे मयंक के लिए टिकट मांग रही थीं। मयंक जोशी की जगह बीजेपी ने बृजेश पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है।
दिलीप दीक्षित को नहीं अनिल सिंह को दिया टिकट
यूपी विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी के बड़े नेता हृदय नारायण दीक्षित अपने बेटे दिलीप दीक्षित के लिए उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट मांग रहे थे। यहां से बीजेपी ने अनिल सिंह को टिकट दिया है।
गोविंद नगर सीट से अनूप पचौरी की नहीं बनी बात
कानपुर की गोविंद नगर सीट से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप के लिए टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने सुरेंद्र मैथानी को दे दिया।
राजेश अग्रवाल के बेटे आशीष अग्रवाल पर भी नहीं रखा बीजेपी ने हाथ
योगी सरकार में मंत्री रहे राजेश अग्रवाल बरेली कैंट सीट से अपने बेटे आशीष के लिए टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने टिकट दिया है संजीव अग्रवाल को।
कलराज मिश्रा के बेटे का भी टूटा सपना
बीजेपी सांसद रहे कलराज मिश्रा के बेटे अमित मिश्रा देवरिया सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने शलभ मणि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है।