Draupadi Murmu: राष्ट्पति बनना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं: द्रौपदी मुर्मू

देश की पहली आदिवासी महिला होंगी जिन्होंने अपने विपक्षी यशवंत सिन्हा को एक तरफा मतों से हरा कर यह जीत हासिल की है

आज यानी दिन सोमवार एक बार इतिहास के पन्नो में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्यूंकि आज देश को15 वें राष्ट्रपति मिल चुकें हैं | जो कि देश की पहली आदिवासी महिला होंगी जिन्होंने अपने विपक्षी यशवंत सिन्हा को एक तरफा मतों से हरा कर यह जीत हासिल की हैं ,साथ ही आपको बताते चले कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार समारोह सुबह 10:15 बजे संसद के केंद्रीय हॉल में आयोजित किया गया, जिसमे भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना उन्हें पद की शपथ दिलायी ।

मुख्यअतिथि के तौर पर हुए शामिल

राष्ट्रपति शपत ग्रहण समारोह में मुख्यअतिथि के तौर पर देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और प्रमुख नागरिक और सैन्य समारोह में सरकार के अधिकारी हुए शामिल।

और क्या रहा ख़ास

जहां एक तरफ निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार सुबह पहले राष्ट्रपति भवन पहुंची ,उसी के साथ उनका स्वागत निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद द्वारा किया गया। उसके बाद उन्होंने संसद भवन जाकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना द्वारा भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की।

15 वीं राष्ट्रपति का पहला सम्बोधन

राष्ट्रपति बनने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने सर्वप्रथम देश के सभी नागरिको को अपना आभार प्रकट किया साथ ही  उन्होंने अपने भाषण में देश के आजादी में योगदान देने वाले सभी क्रांतिकारियों को याद किया।

उन्होंने कोरोना महामारी के बावजूद देश कैसे डरा नहीं उसकी भी चर्चा उन्होंने अपने भाषण में की ,उन्होंने आगे कहा कि देश की राष्ट्पति बनना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि यह देश के सभी गरीब वर्ग के लोगो की उपलब्धि हैं। उन्होंने महिला हित को अपनी पहली प्राथमिकता बताई।

 

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