‘Union Minister Amit Shah’: आज MP के दौरे पर हैं अमित शाह, भारत में पहली बार हिंदी में MBBS की पढ़ाई का हुआ शुभारंभ !
'मध्य प्रदेश' (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal से बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं।
‘मध्य प्रदेश’ (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Capital Bhopal से बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। खास बात यह है कि वह भोपाल में हिंदी में मेडिकल (Medical in Hindi) की पढ़ाई का शुभारंभ करने वाले हैं। इसके बाद ग्वालियर में जनसभा (Public Meeting in Gwalior) को संबोधित करेंगे।
‘मातृभाषा’ हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई
आपको बता दें कि, देश में पहली बार मध्यप्रदेश में MBBS की पढ़ाई हिन्दी में होगी। इस सिलसिले में इन किताबों का विमोचन करने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भोपाल पहुंच चुके हैं। स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भव्य स्वागत किया गया है।
मुख्य सूचना
- केंद्रीय गृहमंत्री लाल परेड ग्राउंड कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- रविवार को भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई के हिंदी पाठ्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।
- शाह लाल परेड ग्राउंड कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- देश में इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से हो रही है।
- भारत में पहली बार मातृभाषा हिंदी में MBBS की पढ़ाई होगी।
- MP के 97 डॉक्टरों की टीम ने 120 दिन लगातार काम करके मेडिकल की अग्रेजी किताबों का हिंदी में अनुवाद किया है।
- यहां हिंदी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई की अभूतपूर्व पहल की शुरुआत करेंगे।
- MBBS प्रथम वर्ष की पुस्तकों का विमोचन करेंगे।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे।
कई बच्चों की जिंदगी का हुआ नया सवेरा
- सीएम शिवराज ने अपने बयान में संस्कृति और मातृभाषा की बात रखी।
- मध्यप्रदेश के लाखों लाख वह बच्चे जो प्राथमिक में अंग्रेजी माध्यम से नहीं पढ़े हैं।
- ऐसे में आज उनकी जिंदगी में एक नया सवेरा हो रहा है।
- जो प्रतिभाशाली होने के बाद भी केवल अंग्रेजी का ज्ञान न होने के कारण वह कुंठित महसूस करते थे।
- हमारी संस्कृति, जीवन मूल्य, परंपराएं, संस्कार अपनी भाषा में ही प्रगट होंगे।
- उन लोगों ने महापाप किया था, जिन्होंने आजादी के बाद भी अंग्रेजी की अनिवार्यता को जारी रखा।
- ऐसे में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने इस गुलामी से मुक्ति का मार्ग खोला है।
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