Adhir Ranjan Chowdhury: अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति से मांगी माफ़ी, महामहिम पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी !
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 29 जुलाई, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा और अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 29 जुलाई, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा और अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगी। राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि उन्होंने गलती से उनके लिए गलत शब्द का प्रयोग कर दिया था जिसकी वजह उनकी जुबान का फिसलना था।
अधीर रंजन ने पत्र लिख कर मांगी माफी !
पने पत्र में अधीर रंजन ने लिखा कि “यह पत्र मैं गलती से गलत शब्द का इस्तेमाल करने पर खेद व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह जुबान का फिसलना था। मैं माफी मांगता हूं और आपसे इसे स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं।”
क्या था पूरा मामला ?
दरअसल बुधवार को विजय चौक पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति मुर्मू के लिए ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसने सत्ताधारी भाजपा के साथ संसद में इस मुद्दे को उठाते हुए उनसे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से माफी की मांग की थी।
अधीर रंजन ने भाजपा पर साधा निशाना !
अधीर रंजन चौधरी ने मामले को लेकर भाजपा को निशाने पर लिया। अधीर रंजन ने कहा कि “मैं इंतजार कर रहा हूं कि भाजपा मुझे आतंकवादी घोषित करे और मुझे UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत गिरफ्तार कराए।” रंजन ने आगे कहा कि “भाजपा आदिवासियों के चैम्पियन बनना चाहते हैं, लेकिन छुपाते हैं कि हत्याएं कैसे हो रही हैं। सोनिया गांधी के नेतृत्व में लाए गए कानूनों में बदलाव किया जा रहा है और वे आदिवासियों के खिलाफ काम कर रहे हैं।”
वो चाहें तो मुझे फाँसी दे सकती हैं: अधीर रंजन चौधरी
इससे पहले गुरुवार को अधीर रंजन चौधरी ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘मैं राष्ट्रपति का अपमान करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। यह सिर्फ एक गलती थी, अगर राष्ट्रपति को बुरा लगा तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे माफी मागूंगा। वे चाहें तो मुझे फांसी दे सकती हैं। मैं सजा भुगतने के लिए भी तैयार हूं। रंजन ने कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह कांग्रेस के खिलाफ मसाला ढूंढ रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। परन्तु देश की सर्वोच्च कुर्सी को नीचा दिखाने का मेरा कतई इरादा नहीं है।