कानपुर विश्वविद्यालय के फरार कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक का किया गया सम्मान समारोह, पढ़े पूरी खबर !

कानपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. विनय पाठक जिनके पास आगरा विश्वविद्यालय का भी अतिरिक्त प्रभार है, पर अति गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ है।

आपको उ.प्र. एस.टी.एफ. पुलिस तलाश कर रही है। “सरजी तुलसी ग्रेट हो”आपने सैकड़ों करोड़ डकार लिए। फिर भी पद पर कायम है। “सरजी तुस्सी ग्रेट हो।” आपने अदालत को ठेंगा दिखा दिया। “सरजी तुस्सी ग्रेट हो” आपने अपनी जांच सीबीआई को ट्रांसफर करा ली। “सरजी तुस्सी ग्रेट हो” इतने गम्भीर आरोपों और भ्रष्टाचार के बाद भी कुर्सी पर बैठे हो। “सरजी तुस्सी ग्रेट हो” आप फरार रहिये आपकी खड़ाऊ से विश्वविद्यालय चला लिया जाएगा।

“सरजी तुस्सी ग्रेट हो” तीन लाख रूपए महीना सैलरी फरारी के बाद भी उठा रहे हो। सरजी तुस्सी ग्रेट हो। कानपुर पुलिस ने विधायक इरफान सोलंकी जी के घर सैकड़ों पुलिस वाले भेज दिए.. एवं फरार कुलपति के यहां ना मेल भेजा, ना फीमेल सिर्फ ईमेल भेजा। “सरजी तुस्सी ग्रेट हो”

यह गाना कोई नार्मल गाना नहीं है बल्कि कानपुर विश्वविधालय के कुलपति के सम्मान में गाया जा रहा है। अब आप क्या सोचने पर मजबूर हो रहे होंगे कि किसी के सम्मान में ऐसा गाना क्यों तो आइये हम आपको इस खबर से जुड़े सभी पहलुओं से रूबरू कराते है।

कुलपति प्रो. विनय पाठक पर अति गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज 

आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई द्वारा आज राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एडीसीपी लखन सिंह यादव को सौंपा गया। एवं राज्यपाल महोदया से मांग की गई कि- कानपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. विनय पाठक जिनके पास आगरा विश्वविद्यालय का भी अतिरिक्त प्रभार है, पर अति गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ है। चिंता का विषय यह भी है कि मुकदमा भ्रष्टाचार के प्रकरण में हुआ है।

सू्च्य है कि राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में प्रो. विनय पाठक के संबंध में पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए करोड़ों का अनुचित लाभ लेने शासकीय धन का दुरुपयोग करने तथा वित्तीय कदाचार का आचरण करने विषयक धाराओं में दिनांक 29/10/2022 को एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

कुलपति पद पर रहते हुए वृहत स्तर पर भ्रष्टाचार

प्रकरण की जांच हेतु शासन स्तर से विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) का गठन किया गया है। एसआईटी द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया आरोपों को प्रमाणित किया पाया गया है जिसकी सूचना सार्वजनिक है। अवगत हो कि प्रोफेसर विनय पाठक द्वारा राजधानी लखनऊ के शिक्षण संस्थान (ए.के.टी.यू.) में कुलपति पद पर रहते हुए वृहत स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है तथा पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अपने चहेतों को अनुचित लाभ दिया गया है।

इसी संबंध में गठित एसआईटी द्वारा जांच में सहयोग किए जाने हेतु अनवरत प्रोफेसर पाठक को बुलाया जा रहा है, किंतु प्रोफेसर पाठक द्वारा जांच में किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है। सामान्य शासकीय व्यवस्था है कि इस प्रकरण के प्रकरणों में शासकीय सेवारत कार्मिक को जांच अवधि तक के लिए सेवा से निलंबित रखा जाता है, किंतु प्रोफेसर विनय पाठक को नियम विरुद्ध संरक्षण दिया जाना लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या है।

कुलपति की सुनिश्चित की जाए गिरफ्तारी

ज्ञापन में मांग कि गयी की  शिक्षा संस्थानों की सुचिता बनाए रखने की ओर विशेष ध्यानाकर्षण किया जाए तथा प्रो. विनय पाठक को जांच कार्य पूर्ण हो जाने तक कुलपति के पदीय कर्तव्यों से विरत कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।

विधायक मो. हसन रूमी, विपक्ष मोर्चा संयोजक सुरेश गुप्ता जी, नीरज सिंह, सर्वेश यादव, ओम नारायण त्रिपाठी विदित, सपा विश्वविद्यालय छात्रसंघ ईकाई अध्यक्ष आशीष यादव (ईशू), संजय यादव, वीरेंद्र त्रिपाठी, मो. सारिया, नसीम अहमद, अभिषेक सिंह, आशीष पांडे, चेतन पांडे, मोनू यादव, दिलीप शुक्ला, अभिषेक त्रिपाठी, विराट वैभव तोमर, अर्पित, आकाश यादव आदि मौजूद रहे।

हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईट के लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं। आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर  फ़ॉलो follow भी कर सकते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button