Kanpur: करोड़ों की लागत से G.S.V.M. Medical College में आई टीबी जांच मशीन !

खबर कानपुर से है जहा प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के अन्र्तगत वर्ष 2025 में पूरे भारत से टीबी की बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

खबर कानपुर से है जहा प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के अन्र्तगत वर्ष 2025 में पूरे भारत से टीबी की बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। जिसके क्रम में सरकार ने टीबी की जांच को और पारदर्शी करने के लिए करोडो की मशीन जीएसवीएम मेडिकल कालेज को उपलब्ध करायी है। जिसकी जानकारी इंचार्ज डा0 विकास मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि इस मशीन से टीबी की जांच बहुत ही आसान और सटीक रिपोर्ट देने वाली है।

मंडल के छ जिलो में मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस की सुविधा नही

समस्त भारत में टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) जैसी बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी महत्वाकांक्षाी योजना में इसे शामिल किया है। जिसके क्रम में कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा0 संजय काला, जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 ए पी मिश्रा व माइक्रोबायोलाजी विभाग के डा0 विकास के साथ माइक्रोबायोलाजी विभाग में आई हाई कल्चर ड्रग सेंसटिविटी टेस्ट की तैयारी को परखा। डॉ विकास मिश्रा ने बताया कि मंडल के छ जिलो में मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस और एक्सट्रा ड्रग रेजिस्टेंस टीबी के मरीजो की जांच की सुविधा नही है।

राष्ट्रीय टीबी डिवीजन ने 75 लाख रूपये दिए

अभी तक मरीजो के बलगम की जांच के लिए नमूने को आगरा, लखनऊ व वाराणसी भेजा जाता था, जिसकी रिपेार्ट काफी देर से मरीज को मिलती थी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय टीबी डिवीजन द्वारा अमेरिकन संस्था फाइंड के सहयोग से मेडिकल कालेज को हाई कल्चर डीसीटी लैब की स्थापना करवायी जा रही है। वहीं राष्ट्रीय टीबी डिवीजन ने 75 लाख रूपये दिए है, जिससे स्टेट आफ आर्ड टीबी बीएसएल-3 लैब अंतरराश्ट्रीय मानको की तर्ज पर तैयार किया गया है।

मशीन कई तरह की जांचे करने में सक्षम

उन्होंने बताया कि 5 करोड की लागत की (एचसीडीएसटी) मशीन कई तरह की जांचे करने में सक्षम है साथ ही डेढ़ करोड रूपये इसके इंफ्रास्टेक्चर में खर्च किए गए है। इसको स्थापित करने में अग्निशमन सुरक्षा, सीसीटीवी मानीटरिंग और एयर हैंडलिंग यूनिट लगाई गई है जिससे संक्रामण बाहर न आ सके। उन्होंने बताया कि इस मशीन में सीबी नाट, नाइन प्रो एसे व सीडीएसटी जांचे होगी। इस दौरान माइक्रोबायोलाजी विभागध्यक्ष डा0 मधु यादव व डा0 एसएस सिंह मौजूद रहे।

 

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