एक कहानी ऐसी भी : माँ बाप का छूटा साथ फिर भी पूरा किया उनका ख्वाब

इस युग में एक अनाथ मुस्लिम लड़की के लिए शिक्षा प्राप्त करना, सफल होना और उच्च प्रोफ़ाइल प्राप्त करना सोंचने जितना मुश्किल

मामला जिला अलीगढ़ का है जहां बिहार ( Bihar ) के छपरा जिले के रहने वाली तसलीम कौसर की कहानी किसी नायिका से कम नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ने वाली बिहार की अनाथ 18 वर्षीय तसनीम ने अपनी पहली किताब अंग्रेजी में प्रकाशित की है। उनकी किताब का नाम ( THERE IS STORY BEHIND EVERYSTORY) है।

उच्च प्रोफ़ाइल प्राप्त करना उतना मुश्किल

तसलीम कौसर ने अभी तक दूध के दांत ठीक से नहीं निकाले थे जब उनकी मां का निधन हो गया। फिर कुछ साल बाद उनके पिता ने इस दुनिया में तसलीम कौसर को अकेला छोड़ चले गए। इस युग में एक अनाथ, विशेष रूप से एक मुस्लिम लड़की के लिए शिक्षा प्राप्त करना, आसानी से अपना जीवन जीना, सफल होना और उच्च प्रोफ़ाइल प्राप्त करना उतना मुश्किल नहीं है, जितना लोग सोचते हैं।

उन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण व ईमानदारी से समाज में अपना नाम बनाने की और सफल कदम बढ़ाया है। 18 वर्षीय अनाथ तसनीम कौसर कहती हैं, जिनकी पहली पुस्तक अभी प्रकाशित हुई है।

माता-पिता का भी नाम रोशन हो

तसनीम कौसर ने कहा कि इस किताब को लिखने का विचार मुझे तब आया जब मैं ट्रेन से यात्रा कर रहा था जो बहुत उबाऊ है। यात्रा के दौरान मैंने अपने विचारों से बचने के लिए कुछ लिखना शुरू किया।

तसलीम कौसर कहती हैं कि मैं बड़ी होकर एक महान और सफल लेखक बनना चाहती हूं। ताकि लोग मेरी किताबों में लिखे शब्दों से प्रभावित हों और मेरे नाम के साथ-साथ मेरे माता-पिता का भी नाम रोशन हो।

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