” नए टैक्स ” से है बचना तो ” मोटापा ” कीजिए कण्ट्रोल !

इस जटिल समस्या को लेकर अगर आवश्यकता से अधिक हम बात भारत की करें तो यहां भी लगातार समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

मोटापा सेहत के लिए हानिकारक है। पूरा विश्व इस समस्या ( problem ) से ग्रसित है। इस जटिल समस्या को लेकर अगर आवश्यकता से अधिक हम बात भारत की करें तो यहां भी लगातार समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसी को ध्यान में रखकर अब देश का नीति आयोग बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है।

ब्रांडेड – पैकेटबंद उत्पादों पर 12 % जीएसटी

आयोग के अनुसार अधिक चीनी , वसा व् नमक वाले खाद्य पदार्थों पर फैट टैक्स लगाने पर विचार किया जा रहा है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है की देश में बच्चों , किशोरों व महिलाओं में वजन और मोटापे की समस्या लगतार बढ़ती जा रही है। बता दें की अभी तक गैर – ब्रांडेड नमकीन, भुजिया आदि पर 5 % टैक्स लगता है। तो वहीं ब्रांडेड – पैकेटबंद उत्पादों पर 12 % जीएसटी लगता है।

फैट पर टैक्स की शुरुवात

इस टैक्स की अगर बात करें तो इसकी सबसे पहले शुरुवात डेनमार्क में 2011 में करी थी। हालाँकि बाद में इसे वापस ले लिया है। तो वहीं इंडिया में इस तरह के टैक्स को केरल में 2016 में लगा था। तत्कालीन समय में टैक्स लगभग 14 % लगाया गया था।

देश में इतनी महिला व पुरुष मोटापे के शिकार

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वे की हाल ही रिपोर्ट के अनुसार, देश में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की संख्या बढ़कर 24 % हो गयी है। तो वहीं बात अगर पुरुषों की करें तो वो लगभग 23 % हो गयी है।

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